नई दिल्ली। शिवसेना ने 5 राज्यों की विधानसभा चुनाव और बजट के साथ-साथ होने पर आपत्ति जताई है। शिवसेना की मांग है कि बजट को चुनाव तक के लिए टाल देना चाहिए। बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना गलत है तो फिर चुनाव के दौरान बजट पेश करना आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं है?
राष्ट्रपति से शिवसेना की अपील
उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति से अपील किया है कि जब तक घोषित चुनाव के नतीजे नहीं आ जाते हैं, बजट को पेश करने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि बजट से सत्ताधारी पार्टी लोगों को गुमराह कर सकती है। इसके अलावा उद्धव अपने सांसदों से कहा है कि वह इस मामले पर जाकर राष्ट्रपति से मुलाकात भी करें।
कई विपक्षी पार्टियों ने भी उठाया मामला
शिवसेना के अलावा कांग्रेस, बसपा और सीपीएम सहित कई विपक्षी पार्टियों ने भी बजट को टालने की मांग की है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सत्ताधारी बीजेपी बजट में घोषणाएं कर लोगों को गुमराह कर सकती है। वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि इस मामले पर उनके पास राजनीतिक दलों की शिकायत आई है जिसपर वो विचार-विमर्श के बाद फैसला लेंगे।