लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार चाहे किसी बहाने से आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लमीनO के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद असदउद्दीन ओवैसी को कानपुर, आगरा जैसे शहरों में जनसभा करने की इजाजत देने में इनकार कर रही है। इसके विपरीत उनकी टीम ने चुनाव में संभावनाएं टटोलने को महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में ओवैसी की एक टीम लखनऊ के बाद कानपुर दौरे पर है। इसमें शामिल लोग लगातार मुस्लिम व दलित क्षेत्रों का चक्कर काट रहे हैं।
शुक्रवार को लखनऊ से कानपुर पहुंची टीम की अगुआई पार्टी के दिल्ली के प्रदेश संयुक्त मंत्री बलीग नोमानी और महामंत्री डीएस बिंद्रा कर रहे हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चमनगंज, बेकनगंज सहित कई क्षेत्रों की नब्ज टटोली और समझने का प्रयास किया कि मुस्लिमों और दलितों का रुझान उनकी पार्टी की तरफ है अथवा नहीं। वे कई मलिन बस्तियों में भी गए। बेकनगंज में उन्होंने बताया कि उप्र में बसपा के साथ चुनाव लड़ने के मुद्दे पर अभी बात नहीं बनी है । लेकिन विकल्प खुले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में मुस्लिम व दलित उपेक्षित हैं। सपा सरकार में 400 से अधिक दंगे झेल चुका मुसलमान अब मजबूत प्लेटफार्म की तलाश में है।
उन्होंने बताया कि सर्वे के बाद हाईकमान तय करेगा कि कितनी सीटों पर प्रत्याशी उतारे जायेंगे। बता दें कि पिछले माह शहर में ओवैसी की जनसभा के लिए पार्टी नेताओं दो बार प्रशासन से स्वीकृत लेने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें स्वीकृत नहीं मिली थी। इसी तरह जनसभा के लिए अबतक आगरा में भी इजाजत नहीं मिली है।