नैनीताल। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के फैसले पर केंद्र सरकार को एक बार फिर हाई कोर्ट से फटकार का सामना करना पड़ा है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रपति शासन लगा कर केंद्र चुनी हुई सरकार की शक्तियों को छीन रहा है और अराजकता फैला रहा है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सदन में शक्ति परीक्षण को उसकी पवित्रता से वंचित नहीं किया जा सकता है।
हाई कोर्ट की नैनीताल बेंच ने कहा कि भ्रष्टाचार और खरीद-फरोख्त के आरोपों के बावजूद बहुमत को परखने का एकमात्र संवैधानिक तरीका सदन मे शक्ति परीक्षण ही है, जो अभी होना बाकी है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए यह भी कहा कि राष्ट्रपति शासन सिर्फ असाधारण मामलों में लगाया जाना चाहिए।