चेरलापल्ली सेंट्रल जेल के हुक्काम ने कर्नाटक के साबिक़ वज़ीर गाली जनार्धन रेड्डी की ज़मानत के बदले रक़म स्कॅम केस के मुल्ज़िम यादगिरी राव के दुसरे क़ैदीयों के क़बजे से 3 सेलफोन और दुसरे अशीया ज़बत करने के बाद जेल में इन ममनूआ अशीया की रसाई की तहक़ीक़ात का आग़ाज़ कर दिया है।
डायरेक्टर जनरल ( तेलंगाना महाबस ) वि के सिंह ने यहां अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि 23 अगस्ट की रात चेरलापल्ली सेंट्रल जेल में अचानक की गई तलाशियों के दौरान क़ैदीयों के क़बजे से तीन सेल फोन्स, पाँच सिम कार्ड्स, पेन डराईवज़, 2000 रुपये नक़द और दुसरे अशीया ज़बत करली गईं।
उन्होंने कहा कि यादगिरी के क़बजे से दो सेल फोन्स ज़बत किए गए। तीसरा सेलफोन एक मुजरिम मोनी शंकर के क़बजे से बरामद किया गया। दुसरे क़ैदीयों के क़बजे से सिम कारडज़, पेन डराईवज़ वग़ैरा ज़बत किए गए।
उन्होंने कहा कि तहक़ीक़ात जारी हैं और ये पता चलाया जाएगा कि क़ैदी यहां से किस को काल किया करते थे।
जेल में मोबाईल फ़ोन पर बातचीत करते हुए यादगिरी की तसावीर के मीडीया में आने से मुताल्लिक़ एक सवाल पर आई जी ( महाबस ) एम चन्द्रशेखर ने कहा कि हम इस मसले की तहक़ीक़ात कररहे हैं, ये पता चलाया जा रहा हैके कौन और किस तरह ये तस्वीर ली और बादअज़ां मीडीया में गशत करवाया।
उन्होंने कहा कि मुहम्मद पहलवान की कोठरी से एक सिम कार्ड बरामद हुआ लेकिन उस कोठरी में दुसरे क़ैदी भी हैं। पेन ड्राईव में मूसीक़ी और फिल्में महफ़ूज़ हैं। वाज़िह रहे के गाली जनार्धन रेड्डी को ज़मानत दिलाने के लिए सी बी आई के जज पट्टाभि रामा राव को ज़मानत बराए रक़म से मुताल्लिक़ स्कॅम में यादगिरी को जुलाई 2012 में गिरफ़्तार किया गया था।
यादगिरी दरमयानी आदमी का काम कररहा था और इस ने ओबुलापुरम माइनिंग केस में गाली जनार्धन को ज़मानत दिलाने के लिए जज को 10 करोड़ रुपये रिश्वत देने की एक मुआमलत तए की थी।
मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई उर्फ़ मुहम्मद पहलवान अप्रैल 2011 के दौरान एम आई एम रुकने असेंबली अकबर ओवैसी पर हमला के एक मुक़द्दमा में माख़ूज़ हैं।
सेलफोन की ज़बती के बारे में वि के सिंह ने कहा कि हम ने अपनी जेलों की सफ़ाई के लिए ख़ुसूसी काम का आग़ाज़ किया है इन कोशिशों के तहत चंचलगुडा , चेरलापल्ली जेलों में ख़ुसूसी टीमों की तरफ़ से अचानक धावे किए जा रहे हैं। एसे धावे मुस्तक़बिल में भी जारी रहेंगे।