मुंबई: महाराष्ट्र के साबिक़ वज़ीर छगन भुजबल के ख़िलाफ़ मनी लांड्रिंग और लैंड ग़राबिंग के इल्ज़ामात की तहक़ीक़ात में रियासती ऐन्टी करप्शन ब्यूरो की जानिब से पहले ही 6 माह का वक़्त लेने पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए मुंबई हाइकोर्ट ने आज ए सी पी को हिदायत दी कि अपनी तहक़ीक़ात मुकम्मल करके अंदरून 2 माह रिपोर्ट पेश करदे।
चीफ़ जस्टिस मूहीयत शाह की ज़ेर-ए-क़ियादत डीवीझ़न बंच को कारगुज़ार ऐडवोकेट जनरल अनील सिंह ने मतला किया कि महाराष्ट्रा सदन अस्क़ाम और कलीना लैंड ग़राबिंग केस में एन सी पी लीडर और उन के अफ़राद ख़ानदान के ख़िलाफ़ ए सी बी ने 2 एफ़ आई आर दर्ज किए हैं जबकि तीसरे केस हाउज़िंग प्रोजेक्ट अस्क़ाम में नवी मुंबई पुलिस ने दर्ज किया है, जिस में एक रियल स्टेट कंपनी Hex World ने 2 हज़ार अफ़राद से 44 करोड़ रुपये वसूल किए थे।
ये कंपनी भोजबल के अफ़रादे ख़ानदान की है। क़ब्लअज़ीं हाइकोर्ट ने 18 दिसम्बर 2014 को ऐन्टी करप्शन ब्यूरो और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट पर मुश्तमिल एक ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम तशकील देने की हिदायत दी थी ताकि भोजबल और उनके फ़र्ज़ंद के ज़ेर-ए-एहतेमाम ख़ानगी कंपनीयों को बे क़ाईदगियों और मनी लांड्रिंग (नाजायज़ रक़ूमात की मुंतक़ली) की तहक़ीक़ात की जाये।
इस ख़ुसूस में आम आदमी पार्टी ने एक अर्ज़ी दाख़िल करते हुए भोजबल के ख़िलाफ़ एफ़ आई आर दर्ज करने की गुज़ारिश की थी। इल्ज़ामात की तहक़ीक़ात में ग़ैरमामूली ताख़ीर पर सरज़निश करते हुए हाइकोर्ट ने 22 जुलाई को उबूरी पोर्ट और 18 अगस्त को क़तई रिपोर्ट पेश करने की हिदायत दी है।