दिल्ली से बिहार जाने वाली ट्रेनों में ग़ैरमामूली हुजूम देखा जा रहा है क्योंकि बिहार में छट पूजा का त्योहार बड़े ही ताम झाम से मनाया जाता है और ऐसी सूरत-ए-हाल में हर एक बिहारी बाशिंदा की ये ख़ाहिश है कि वो वक़्त पर अपने घर पहुंच जाये जिस में सॉफ्टवेर इंजीनयर्स, सरकारी मुलाज़मीन और दिल्ली में दीगर काम काज करने वाले अफ़राद शामिल हैं जो पटना में अपने अरकान ख़ानदान से मुलाक़ात के ख़ाहिश हैं।
त्योहार के मौक़ा पर अपने क़रीबी रिश्तेदारों से मुलाक़ात और मिल जुल कर त्योहार मनाने के जज़बा से बिहारी बाशिंदा ट्रेनों में जगह ना होने की वजह से इंतिहाई तकलीफ़देह सफ़र भी ख़ंदापेशानी से कररहे हैं।
दिल्ली से पटना जाने वाली सम्पूर्णा ऐक्सप्रैस की स्लीपर कोचस दिल्ली स्टेशन पर ही खचाखच भर गईं यहां तक कि कई मुसाफ़िर दरवाज़े से लटक कर भी सफ़र करते देखे गए जबकि बिहार जाने वाली दीगर ट्रेनें मगध ऐक्सप्रैस और श्रमजीवी ऐक्सप्रैस का भी कम-ओ-बेश यही हाल है जिन्हें ट्रेन के डिब्बों में वाके बैतुल-ख़ला के क़रीब भी जगह मिल रही है वो अपने आप को ख़ुश्किस्मत तसव्वुर कररहा है जबकि कुछ जुर्रत मंदी दिखाने वाले एसी कोचस में भी चढ़ गए और रात तमाम बैतुल-ख़ला के दरवाज़े के क़रीब ठहर कर सफ़र किया।