छात्रों को फीस में छूट देने पर देश के आईआईटी को एतराज

नई दिल्ली : देश के आईआईटी ने सरकार को दिए एक विवादास्पद सुझाव में कहा है कि छात्रों के एक बड़े वर्ग को फीस में छूट और मुफ्त एजुकेशन की पॉलिसी को बदलकर एक रिइंबर्समेंट सिस्टम लाना चाहिए क्योंकि इससे संस्थान के फाइनैंशल रिसोर्सेज पर असर पड़ रहा है। आईआईटी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और कुछ अन्य छात्रों को फीस में छूट दी जाती है।

आईआईटी के डायरेक्टर्स ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बीटेक छात्रों को फीस में पूरी या आंशिक छूट देने के बजाय उन्हें इंटरेस्ट फ्री लोन देने का सुझाव दिया है। इन लोन के लिए इंटरेस्ट चार वर्ष तक न वसूलने की बात कही गई है। आईआईटी में फीस में छूट का मुद्दा विवादास्पद रहा है। संस्थान यह सवाल करते रहे हैं कि इस कॉस्ट की भरपाई कैसे और कौन करेगा।

12 दिसंबर को आईआईटी कानपुर में हुई सभी आईआईटी के डायरेक्टर्स की 155वीं मीटिंग में इन प्रपोजल्स को मंजूरी के लिए आईआईटी काउंसिल के पास भेजने का एकमत से फैसला किया गया। आईआईटी काउंसिल के अध्यक्ष एचआरडी मिनिस्टर हैं। इस वर्ष की शुरुआत में एचआरडी मिनिस्ट्री ने सभी आईआईटी में 2017 से फीस 90,000 रुपये सालाना से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने की घोषणा की थी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों को ट्युइशन फीस में पूरी छूट है, जबकि जिन छात्रों के परिवार की आमदनी सालाना 9 लाख रुपये से कम है उन्हें इंटरेस्ट पर छूट दी जाती है। हालांकि, इंटरेस्ट पर इस छूट का भार आईआईटी को अपने आंतरिक स्रोतों से उठाना होगा।

आईआईटी की दलील है कि फीस में छूट की व्यवस्था की जगह एक रिइंबर्समेंट सिस्टम लाया जाना चाहिए क्योंकि मौजूदा व्यवस्था में छात्रों को दी जाने वाली छूट की कोई भरपाई नहीं की जाती। इससे आईआईटी की फाइनैंशल पोजिशन पर असर पड़ रहा है और उनके फंड समाप्त हो रहे हैं। आईआईटी ने एचआरडी मिनिस्ट्री को सुझाव दिया है कि छात्रों के किसी भी वर्ग को मुफ्त शिक्षा देने के सरकार के फैसले के संबंध में इन छात्रों की शिक्षा पर खर्च का आईआईटी को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) सिस्टम के इस्तेमाल से रिइंबर्समेंट होना चाहिए। यह एचआरडी मिनिस्ट्री या मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस ऐंड एंपावरमेंट की ओर से किया जा सकता है। आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के छात्रों के लिए फीस में पूरी या आंशिक छूट की मौजूदा पॉलिसी के बदले आईआईटी ने इंटरेस्ट फ्री लोन देने का सुझाव दिया है।