आगरा: एफएच मेडिकल कॉलेज में परिजनों द्वारा छोटी करेंसी का इंतजाम नहीं कर पाने की वजह से मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने मरीज का इलाज बंद कर दिया. आईसीयू में भर्ती मरीज का वेंटिलेटर हटा दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई. परिवारजनों ने हंगामा किया तो मेडिकल कॉलेज कर्मियों ने उन्हें पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया.
अमर उजाला के अनुसार, घटना बुधवार रात एफएच मेडिकल कॉलेज में हुई. गांव भूत नगरिया निवासी रामवीर (38) तबीयत अचानक खराब हो गई थी और उसे परिजन उपचार के लिए आगरा हाइवे स्थित एफएच मेडिकल कॉलेज ले गए. रामवीर ही हालत देख चिकित्सकों ने उसे आईसीयू में भर्ती कर लिया और वेंटिलेटर लगा दिया. उसके परिवार वालों से स्टाफ ने 10 हजार रुपये जमा करने को कहा, परिवार ने एटीएम बंद होने का हवाला देते हुए चार हजार रुपये होने की बात कही और कहा कि शेष धनराशि अगले दिन जमा कर देंगे.
बताया जा रहा है कि परिजनों के पास पांच सौ और एक हजार रुपये नोट थे, लेकिन मेडिकल कॉलेज स्टाफ ने उन्हें लेने से इनकार कर दिया. परिजनों का आरोप है कि वे गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उनकी कोई बात नहीं सुनी और वेंटिलेटर हटा लेने से रामवीर की मौत हो गई. परिजनों ने हंगामा किया तो स्टाफ और हास्टल से बुलाए गए छात्रों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया और हाईवे चौकी पुलिस को सौंप दिया.
वहीँ दूसरी ओर टूंडला एफएच मेडिकल कालेज चेयरमैन डॉ.रिहान फारुख ने कहा कि एक मरीज को शराब के नशे में धुत कुछ लोग अस्पताल लाए थे, उपचार के दौरान मरीज की मौत हो गई. मरीज के साथ आए लोगों ने चिकित्सकों के साथ मारपीट कर दी, जिन्हें पुलिस को सौंप दिया गया था. ग्रामीणों के सभी आरोप निराधार हैं.