छोटी रियास्तों में ही अवाम की तरक़्क़ी मुम्किन

टी आर ऐस रुकन असेंबली के टी रामा राव ने कहा कि छोटी रियास्तों में ही अवाम की तरक़्क़ी मुम्किन है। उन्हों ने कहा कि तेलंगाना की तशकील की राह में रुकावट पैदा करने वाले ये इस्तिदलाल पेश कर रहे हैं कि छोटी रियास्तें तरक़्क़ी की राह में रुकावट हैं हालाँकि ये बात सरासर बे बुनियाद है।

उन्हों ने कहा कि आज़ादी के बाद से जो भी नई रियास्तें तशकील दी गईं और एन डी ए दौर-ए-हकूमत में तीन नई रियास्तों का क़ियाम अमल में आया और ये रियास्तें तरक़्क़ी की राह पर गामज़न है।

तेलंगाना रियासत की तशकील के बाद इस के वसाइल इस क़दर ज़्यादा हैं कि ये कम अर्सा में एक तरक़्क़ी याफ़ता रियासत में तबदील हो सकती है। उन्हों ने मजालिस मुक़ामी के इंतिख़ाबात में ताख़ीर के लिए रियास्ती हुकूमत को ज़िम्मेदार क़रार दिया।

लोक सत्ता और फ़ाउनडीशन फ़ार डेमोक्रेटिक रीफार्मस की जानिब से मुनाक़िदा गोल मेज़ कान्फ़्रैंस से ख़िताबकरते हुए रामा राव ने कहा कि मजालिस मुक़ामी के इंतिख़ाबात के इनइक़ाद से हुकूमत घबरा रही है

क्योंकि वो अवामी फ़ैसला का सामना करने तैय्यार नहीं। उन्हों ने कहा कि तेलंगाना अवाम ना इंसाफ़ीयों से तंग आकर अलैहदा रियासत की तशकील का मुतालिबा कर रहे हैं और अब अलैहदा रियासत की तशकील को कोई ताक़त रोक नहीं पाएगी।