लखनऊ: (सियासत संवाददाता): अब जब चुनाव पूर्वांचल पहुँच गया हैं तो वहां के कई छोटे दल इस समय बाहुबलियों के लिए मुफीद साबित हो रहे हैं. जब बड़े दल जैसे भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस ने इन बाहुबलियो को टिकट देने से मना कर दिया तो इन छोटे दलों ने अपने दरवाजे बाहुबलियों के लिए खोल दिए. अब पूर्वांचल में इन बाहुबलियों ने चुनाव मैदान में ताल ठोक दी हैं.
इसके अलावा पूर्वांचल में बागी उम्मीदवारों ने भी बड़े दलों की नींद उड़ा दी हैं. सभी दल अपने ही बागी उम्मीदवारों से परेशान हैं क्योंकि जहाँ हार जीत 2000-5000 वोट में हो तो ये बागी उम्मीदवार फैसले पर असर डाल सकते हैं.
उदहारण के तौर पर जौनपुर में मल्हनी सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. वो बसपा से सांसद, विधायक रह चुके हैं, इस बार टिकट नहीं मिलने से निषाद पार्टी से चुनाव में हैं. उनका अपना प्रभाव है और अब सभी उम्मीदवारों के लिए मुसीबत हैं.
विजय मिश्र भी बाहुबली कैंडिडेट हैं. सपा से ज्ञानपुर सीट भदोही जिले में जीते थे लेकिन आखिरी वक़्त में सपा ने टिकट नहीं दिया. अब मिश्र ने निषाद पार्टी का दामन थाम लिया और चुनाव मैदान में हैं. मिश्र के वजह से वहां के सारे समीकरण गड़बड़ा गए हैं.
जौनपुर की मरियाहूँ सीट सीट से सीमा सिंह चुनाव लड़ रही हैं. सीमा अपना दल (कृष्णा पटेल) की उम्मीदवार हैं. ख़ास बात ये हैं की सीमा सिंह माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की पत्नी हैं. और अब सीमा सिंह विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं.
जौनपुर की ही शाहगंज सीट से दिलीपकान्त यादव चुनाव लड़ रहे हैं, वो बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव के पुत्र हैं. भाजपा से टिकट न मिलने पर अब रालोद से चुनाव लड़ रहे हैं. सुल्तानपुर की इसौली सीट पर यशभद्र सिंह चुनाव में रालोद के टिकट पर हैं. इनके पिता इंद्रभद्र और भाई चंद्रभद्र सिंह दोनों बसपा और सपा से दो–दो बार विधायक रह चुके हैं. क्षेत्र में इनकी अपनी पकड़ है और बाहुबली माने जाते हैं.
दिनेश मिश्र, भाजपा सांसद भैरो प्रसाद मिश्र के भाई हैं और चित्रकूट की मानिकपुर सीट से रालोद उम्मीदवार हैं. इनकी मौजूदगी ने चुनाव सबका मुश्किल कर दिया हैं. भाजपा के ही बागी राजेश्वर सिंह तुलसीपुर से और महेश नारायण तिवारी गोंडा सदर से बागी हो कर लड़ रहे हैं. दोनों की अपने अपने क्षेत्रो में ठीक स्थिति हैं और भाजपा के लिए परेशानी साबित हो रही हैं. तिवारी शिव सेना से मैदान में हैं.
यही हाल विवादित चेहरे अजय सिपाही का है जो मौजूदा ब्लाक प्रमुख हैं और पीस पार्टी–निषाद दल के गठबंधन के कटेहरी क्षेत्र के उम्मीदवार हैं.रालोद ने इस बार पहली बार पश्चिम से आगे बाद कर टिकट बांटे हैं और कई उम्मीदवार उतार दिए हैं. जैसे सपा के विधायक रामलाल अकेला बछरावां से, मंत्री शारदा शुक्ल सरोजिनीनगर लखनऊ से जिनके खिलाफ मुख्यमंत्री के भाई अनुराग यादव हैं. ये छोटे दल के उम्मीदवार और निर्दलीय बड़ी पार्टियों के सर दर्द साबित हो रहे हैं और उलट फेर करने में लगे हैं.