वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने अपने पाकिस्तानी हम मंसब नवाज़ शरीफ़ के साथ खरी खरी बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान को फ़ौरी जंगबंदी की ख़िलाफ़ वर्ज़ियां ख़त्म कर देनी चाहिए। सरज़मीने पाकिस्तान से होने वाली दहशतगर्दी को भी रोका जाये।
मुख़्तलिफ़ मसाइल पर हिंद-पाक मुज़ाकरात को आगे बढ़ाने की जानिब पेशरफ़त के लिए ख़त्ते क़ब्ज़ा(एल ओ सी) पर जंगबंदी की ख़िलाफ़ वर्ज़ियों को रोकने के लिए नवाज़ शरीफ़ के सामने पेशगी शराइत भी रखी। दोनों वुज़राए आज़म के दरमियान एक घंटा तवील मुलाक़ात का कोई बड़ा नतीजा बरामद नहीं हुआ अगर चेके दोनों मुल्कों ने जंगबंदी तो बरक़रार रखने के लिए एक वाज़िह मंसूबा के साथ डायरेक्टर्स जनरल आफ़ मिलिट्री ऑपरेशंस को जंगबंदी पर अमल करने की ज़िम्मेदारी दी गई है और ये भी यक़ीन दहानी की गई है कि ख़त्ते क़ब्ज़ा पर जंगबंदी पूरे असर के साथ बरक़रार रखने को यक़ीनी बनाया जाये, लेकिन इस के लिए कोई वक़्त का ताय्युन नहीं किया गया।
हिंदुस्तान की जानिब से कहा गया है कि वो जितना जल्द मुम्किन हो सके मसले को हल करना चाहिए। एल ओ सी पर इस्तिहकाम, पाकिस्तान की सरज़मीन पर जारी दहशतगर्दी मिशनरी का ख़ातेमा हिंदुस्तान का देरीना मुतालिबा है। हिंदुस्तान ने हालिया मुंतख़ब होने वाले पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म नवाज़ शरीफ़ के साथ अपनी पहली मुलाक़ात में मनमोहन सिंह के लिए एक अहम एजेंडा तैयार किया था।
नवाज़ शरीफ़ मनमोहन सिंह से मुलाक़ात के लिए मिडटाउन मैनहट्ट्न में होटल न्यूयार्क पैलेस पहुंचे। दोनों वुज़राए आज़म ने एक दूसरे के मुल्क का दौरा करने सरकारी तौर पर दावत दी लेकिन इस के लिए तवारीख़ का ताय्युन नहीं किया गया। ऐसी कोई तवक़्क़ो नहीं है कि मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान का दौरा करने की अपनी ख़ाहिश का इज़हार किया हो, जहां वो 81 साल पहले पैदा हुए थे ।दोनों मुल्कों के दरमियान बाहमी ताल्लुक़ात के बारे में इस बातचीत में अमन की बहाली पर ज़ोर दिया गया क्योंकि हिंदूस्तान में मनमोहन सिंह की हुकूमत अब क़रीब-उल-ख़त्म है। इस बातचीत से मुताल्लिक़ हिंदुस्तान के क़ौमी सलामती मुशीर शिवशंकर मेनन ने अख़बारी नुमाइंदों को बताया कि ये मुलाक़ात ख़ुशगवार कारआमद और तामीरी थी।
इस मौक़े पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान के सहाफ़ी भी शामिल थे। मनमोहन सिंह ने मुंबई में 26/11के दहशतगर्द हमलों के ज़िम्मेदारों को इंसाफ़ के कटहरे में लाने के लिए मोस्सर कार्रवाई करने का भी मुतालिबा किया। दोनों क़ाइदीन के दरमियान ये बातचीत जुमेरात को जम्मू के क़रीब दो दहशतगर्द हमलों के पस-ए-मंज़र में हुई है। इन हमलों के पेशे नज़र नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात को मंसूख़ करने बी जे पी के मुतालिबा की परवाह ना करते हुए वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात करने का फ़ैसला किया था।
शिवशंकर मेनन ने मज़ीद कहा कि दोनों मुल्कों के दरमयान सूरत-ए-हाल को मामूल पर लाने के लिए तर्जीही इक़दाम ये होना चाहिए कि सरहदी दहशतगर्दी और एल ओ सी की जंगबंदी की ख़िलाफ़ वर्ज़ियों को फ़ौरी रोक दिया जाये। मनमोहन सिंह ने नवाज़ शरीफ़ से कहा कि एल ओ सी पर अमन ही ताल्लुक़ात में बेहतरी की अव्वलीन शर्त होगी।
दोनों क़ाइदीन ने एल ओ सी पर सूरत-ए-हाल में बेहतरी की तमन्ना ज़ाहिर की जहां पाकिस्तान की जानिब से मुसलसल जंगबंदी की ख़िलाफ़वर्ज़ियां की जा रही हैं।