जंग में बचने वाला सिपाही महबूबा के सामने दम तोड़ दिया

न्यूयार्क, ०४ जनवरी (एजैंसीज़) मौत का वक़्त मुईन है ये अपने वक़्त पर रूह क़बज़ कर लेती है। कोई बशर मौत के चंगुल से नहीं बचेगा। सिपाही हो या आम आदमी, जंग का मैदान हो या नरम बिस्तर, मौत तो बहरहाल आती है।

इसी तरह बर्तानिया के सिपाही की भी कहानी ऐसी है कि इस ने अफ़्ग़ानिस्तान में जंग के लिए दो मर्तबा इस मुल्क को पहुंच कर जंग में हिस्सा लिया और बह हिफ़ाज़त अपने वतन वापस हुआ। क्रिशमश बनाने के लिए वो अफ़्ग़ानिस्तान से बर्तानिया वापस हुआ था लेकिन टैक्सी ने उसे कुचल डाला।

26 साला ली फूले साउथ वालस के मरथर टाईडफ़ल मुक़ाम पर अपने वालदैन और गर्लफ्रेंड के साथ जा रहा था कि उसे एक कार ने टक्कर दे दी। बादअज़ां इस ने अपनी महबूबा के सामने दवाख़ाना में दम तोड़ दिया। ये वाक़िया नए साल के मौक़ा पर रात 10 बजकर 30 मिनट को इस वक़्त पेश आया जब वो अपने वालदैन और महबूबा के साथ टाउन सेंटर में नए साल का जश्न मना रहा था।

इस के वालदैन पाउल और सीन के इलावा बहन लिंडसे 23 साला पर इस वाक़िया के बाद सकता तारी हो गया। लेकिन ख़ानदान के इस क़रीबी फ़र्द ने बताया कि इस की मौत इस लिए भी हैरतअंगेज़ है क्योंकि वो अफ़्ग़ानिस्तान में दो मर्तबा जंग के महाज़ से बच आया था। इस ने काबुल का दो मर्तबा दौरा किया और जंग में हिस्सा लिया था।

ये नाक़ाबिल-ए-यक़ीन बात है कि वो दूसरे मुल्क की जंग से बच कर तो आगया लेकिन अपने मुल्क में एक सड़क हादिसा का शिकार होगया। ख़ानदान वालों के सामने उस की मौत वाक़्य होगई। ये वाक़िया शदीद तकलीफ़देह है। इस के वालदैन को अफ़्ग़ानिस्तान जंग के दौरान उस की रवानगी पर सदमा होता था ,वो जंग में तो बच गया लेकिन अपने वतन पहुंच कर हलाक हो गया ।