जकी-उर-रहमान लखवी 14 दिन की अदालती रिमांड पर

इस्लामाबाद की एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने लश्कर कमांडर और 26/11 हमले के मास्टमाइंड जकी उर रहमान लखवी को आगवा के एक मामले में 14 दिन की अदालती रिमांड पर जेल भेज दिया है। इससे पहले हुकूमत ए पाकिस्तान ने लखवी की हिरासत मुअत्तल कर दिये जाने के हाईकोर्ट के हुक्म को जुमेरात के रोज़ सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी थी। पाकिस्तान के वज़ारत ए दाखिला के एक आफीसर ने बताया, वज़ारत ए दाखिला ने मुंबई हमलों के मुल्ज़िम की हिरासत मुअत्तल करने के हाईकोर्ट के हुक्म को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने “मैंटीनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर” (एमपीओ) के तहत लखवी की हिरासत बढाए जाने की हुकूमत के फैसले को मुअत्तल कर दिया था।

उन्होंने बताया कि हुकूमत ने अपनी दरखास्त में कहा है कि लखवी की रिहाई से मुल्क में कानून निज़ाम के हालात पर असर प़ड सकता है, जिस दलील को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) ने नजरअंदाज किया। आफीसर ने कहा कि “मैंटीनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर”के तहत बढ़ाई गई लखवी की हिरासत को मअत्तल किए जाने के हाईकोर्ट के हुक्म का कमजोर कानूनी बुनियाद है। लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने बताया कि वह मामले में सुप्रीम कोर्ट से नोटिस मिलने के बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट के हुक्म का बचाव करेंगे। अब्बासी ने कहा, हम इस्लामाबाद हाईकोर्ट के हुक्मनामे का बचाव करेंगे क्योंकि हुकूमत के पास मजबूत मामला नहीं है।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पीर के रोज़ लखवी की बशर्त रिहाई का हुक्म दिया था। अदालत ने उससे 10 लाख रूपये का मुचलका भरने और मुंबई हमलों से मुताल्लिक मामले की हर सुनवाई में पेश होने को कहा था। हाईकोर्ट की तरफ से लखवी की रिहाई पर मुहर लगाए जाने के एक दिन बाद उसे अगवा के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था और इस्लामाबाद में अदालती मजिस्ट्रेट ने उसे अगवा के इल्ज़ामात में दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया था।

लखवी (54) को मुंबई हमला मामले में 18 दिसंबर को जमानत मिल गई थी लेकिन उसे मैंटीनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर” के तहत हिरासत में ले लिया गया था। उसने अपनी इस हिरासत को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसने पीर के रोज़ सरकार के हुक्म को मुअत्तल कर दिया। इस पर हिंदुस्तान की ओर से सख्त रद्दे अमल हुआ था।

हुकूमत ने यह भी ऐलान किया है कि वह 8 जनवरी को खत्म हो रहे अदालतों के सरमाई छुट्टी के बाद लखवी की जमानत को चुनौती देगी। लखवी और छह दिगर अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम पर 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों के सिलसिले में साजिश रचने और उसे अमल करने के इल्ज़ाम लगाए गए हैं।

मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे । लखवी को दिसंबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था और उस पर दिगर छह के साथ 25 नवंबर 2009 को मामले में मुकदमा लगाया गया था। 2009 से मुकदमा चल रहा है।