जगन की ज़मानत कि अर्जी पर फैसला महफ़ूज़

* सियासी ईशारों पर जगन को परेशान किया जारहा हैं वकील राम जेठमलानी का इल्ज़ाम
हैदराबाद आंधरा प्रदेश हाइकोर्ट ने वाई एस आर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख‌ मिस्टर जगन मोहन रेड्डी एम पी किज़मानत कि अर्जी पर आज अपना फैसला 4 जुलाई तक के लिए महफ़ूज़ कर लिया है ।

हाइकोर्ट के जस्टिस एस गूंद राजू लो ने आज इस दरख़ास्त की सुनवाई की । मुल्क‌ के नामवर क़ानून दाँ राम जेठमलानी ने जगन की तरफ‌ से अदालत में पेश होते हुए बेहस की जबकि सिनिय‌र वकील अशोक भान ने सी बी आई की नुमाइंदगी की । सी बी आई के वकील ने अपनी बेहस में कहा कि ये मामला 43,000 करोड़ रुपयों तक मालियत के मालीयाती खुरद बुरद का है और सी बी आई जगन की कंपनियों को मिलने वाले फ़ंड के बारे में जांच‌ कर रही है ।

मिस्टर भान ने कहा कि इस मरहले पर मुल्ज़िम को ज़मानत दिये जाने के नतीजे में अगाव जांच पर असर पडेगा । इस केस में जांच‌ एजंसी को और‌ कुछ चार्च शीट् पेश करने हैं। सी बी आई अब तक इस केस में तीन चार्च शीट‌ पेश कर चुकी है जो जगन के आमदनी से जयादा दौलत‌ के मुक़द्दमे में है ।

जगन को 27 मई को गिरफ़्तार कर लिया गया था और उस से इस से पहले तीन मर्तबा पूछताछ की गई थी । दूसरी तरफ‌ मिस्टर राम जेठमलानी ने जगन की तरफ‌ से पेश होते हुए कहा था कि जगन की गिरफ़्तारी सियासी मकसद से कि गइ है और इस बात का कोई वाज़िह सबूत मौजूद नहीं है कि इन के मुवक्किल सी बी आई कि मदद‌ नहीं कर रहे हैं और उन की रिहाई से गवाहों पर असर पड सकता हैं।

उन्हों ने इल्ज़ाम लगाया कि सी बी आई सियासी लिडरों के ईशारों पर जगन मोहन रेड्डी को परेशान‌ कर रही है । दोनों फरीकों कि बहेस सुनने के बाद जज ने फैसला 4 जुलाई तक महफ़ूज़ कर लिया है ।