जगन के नारको टेस्ट के लिए अदालत से इजाज़त कि दरखास्त‌

* अदालती तहवील में 25 जून तक बढावा , जगन और विजय‌ साई रेड्डी पर राज़ों को छिपाने का इल्ज़ाम
हैदराबाद । वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख‌ जगन मोहन रेड्डी और‌ 2 हफ़्ते जेल में गुज़ारेंगे क्यों कि सीबीआई अदालत ने आमदनी से जयादा सम्पती के मुक़द्दमे में इन की अदालती तहवील में 25 जून तक बढा दि है । इस दौरान सी बी आई ने जगन पर नारको टेस्ट करने के लिए अदालत से इजाज़त भी तलब की है ।

जगन की अदालती तहवील में बढावे से मुताल्लिक़ अदालत का फैसला आंधरा प्रदेश में लोक सभा के एक और असेंबली के 18 हलक़ों में कल होने वाली अहम पोलिंग‌ से पहले किया गया है । जगन ने इस से पहले चुनावी मुहिम चलाने के लिए अदालत से ज़मानत देने की दरख़ास्त की थी जिस को रद‌ कर दिया गया था।

39 साला जगन को 27 मई को गिरफ़्तार किया गया था और चुनावी मुहिम के दौरान उन की गिरफ़्तारी भी असल मौज़ू बेहस रही । जगन की माँ विजयाम्मा ने अपनी पार्टी की मुहिम चलाई । सी बी आई ने प्रिंसिपल जज की अदालत में एक दरख़ास्त दाख़िल करते हुए जगन और उन के एक करीबी भरोसामंद साथी विजय‌ साई रेड्डी पर नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट‌ करने के लिए इजाज़त देने की अपील की है ।

सी बी आई ने दलील‌ पेश कि कि जांच के दौरान ये बात उभरकर आई है कि जगन ही हवाला समेत‌ मुख़्तलिफ़ ग़लत रास्तों से जमा की गई बेपनाह दौलत के अहम शख्स‌ हैं और विजय साई जो जगन के मालीयाती सलाहकार‌ भी हैं जगन के साथ असल साज़िशी सरग़ना के तौर पर उभरे हैं और उन्हों ने कई जुर्मों का इर्तिकाब किया है।

सी बी आई ने अपनी दरख़ास्त में कहा कि जगन को पहले भी दो मर्तबा सी बी आई तहवील में दिया जा चुका है , वो हवाला मामलों के इलावा दुसरी तमाम तफ़सीलात को अभि तक छिपाये हुए हैं । उन्हों ने पूछगछ के दौरान अक्सर बातों को पोशीदा रखा है और कोई अहम इन्किशाफ़ नहीं किया।

इस केन्द्रीय जांच ब्युरों ने मज़ीद कहा कि जांच‌ से ये बात सामने आई है कि ना सिर्फ हैदराबाद बल्कि मुल्क‌ के और‌ हिस्सों में बल्कि मुलक से बाहर‌ कई साज़िशें कि हैं और हालात और वाक़ियात की एक लम्बी कड़ी है। सी बी आई उच्च अधिकारी वेंकटेश ने कहा कि वाज़िह बेखौफ , शफ़्फ़ाफ़ और मुंसिफ़ाना जांच‌ के अमल में मदद के लिए जगन और विजय‌ साई रेड्डी से मालूमात हासिल करने की ग़रज़ से साईंसी तरीकों के इस्तिमाल की सी बी आई को इजाज़त दी जाये ।

सी बी आई ने कहा कि लेटेस्ट‌ साईंसी जांच‌ से कोई जिस्मानी नुक़्सान भी नहीं पहूँचता और उन तरीकों से मालूमात हासिल होजाती हैं जो सिर्फ जांच‌ का अमल मज्बुत‌ करने के लिए इस्तिमाल किए जाते हैं। ज़रूरी नहीं है कि एसी मालूमात मुक़द्दमे की सुनवाई के दौरान सुबूत के तौर पर पेश की जाएं। सी बी आई ने ये दलिल‌ पेश कि कि इस बात का इमकान भी है कि नारको और पोली ग्राफ़ टेस्ट के दौरान हासिल होने वाली मालूमात एक आज़ाद और इंतिहाई मोतबर सबूत को बेनकाब करने का सबब भी बन सकते हैं।

इस से पहले सी बी आई अदालत ने जगन की अदालती तहवील में 25 जून तक बढाने का एलान किया । सी बी आई मुक़द्दमात की अदालत में पेशी के तुरंत‌ बाद जगन ने प्रिंसिपल जज ए पुलिया को एक लिखित‌ शिकायत पेश की जिस में उन्हों ने रियासती हुकूमत पर उन का मजाक उडाने का इल्ज़ाम लगाया।