जगन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमे में वज़ीर-ए-दाख़िला सबीता इंदिरा रेड्डी का नाम शामिल

हैदराबाद 09 अप्रैल: रियास्ती वज़ीर-ए-दाख़िला पी सबीता इंदिरा रेड्डी का नाम आज सी बी आई ने जगन मोहन रेड्डी के ख़िलाफ़ बेहिसाब दौलत इकट्ठा करने के मुक़द्दमे के सिलसिले में दायर पांचवीं चार्ज शीट में बतौर मुल्ज़िमा शामिल किया है।

एजेंसी ने आज सी बी आई अदालत में अपनी पांचवीं चार्ज शीट दाख़िल की जिस में जगन के अलावा दीगर 12 इन्फ़िरादी शख़्सियतों और फर्म्स के नाम शामिल हैं।

सबीता इंदिरा रेड्डी रियासत की तीसरी वज़ीर हैं जिनका नाम इस मुक़द्दमा में शामिल किया गया है । कड़पा के रुकन पार्लीमैंट वाई एस जगन मोहन रेड्डी पर मालूम ज़राए आमदनी से ज़्यादा के असासा जात रखने का इल्ज़ाम है और इस सिलसिले में उन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज किया गया था।

दीगर मुल्ज़िमीन में जगन के साथी वजए साई रेड्डी नायब सदर डालमिया सीमेंट पुनीत डालमिया आई एस ऑफीसर वाई सिरी लक्ष्मी और उस वक़्त के डायरेक्टर मादनियात आंध्र प्रदेश वि डी राजा गोपाल भी शामिल हैं।

2 सफ़हात पर मुश्तमिल चार्ज शीट में डालमिया सीमेंट के अलावा दीगर दो सीमेंट फर्म्स इश्वर सीमेंट और रघूराम सीमेंट की तरफ से मुबयना तौर पर की गई सरमाया कारी की तफ़सीलात दर्ज हैं।

इन फर्म्स ने जगन मोहन रेड्डी के बिज़नेस में सरमायाकारी की थी। जगन मोहन रेड्डी उस वक़्त चंचल जुड़ा जेल में हैं । सी बी आई ने इल्ज़ाम आइद किया कि वाई एस राज शेखर रेड्डी दौर-ए-इक्तदार में डालमिया सीमेंट को गारे के पत्थर की कान इंतिहाई कम क़ीमत पर मुख़तस की गई थी।

उस वक़्त वाई एस आर दौर में सबीता इंदिरा रेड्डी के पास कानकनी का क़लमदान था। मौजूदा वज़ीर धर्मना प्रसाद राव‌ और साबिक़ वज़ीरमोपी देवी वेंकट रमना राव‌ जो उस वक़्त अदालती तहवील में हैं उन के नाम भी जगन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमात में बतौर मुल्ज़िम शामिल हैं।

ये तमाम वाई एस आर राज शेखर रेड्डी की ज़ेर-ए-क़ियादत रियास्ती काबीना (2004-09) में वजीर थे। उसी मुद्दत के दौरान जगन पर गै़रक़ानूनी तौर पर बेहिसाब दौलत इकट्ठा करने का इल्ज़ाम है।

चार्ज शीट में 53 दस्तावेज़ात और 43 एनी शाहिदीन के हवाले दिए गए हैं । ये चार्ज शीट ताअज़ीरात-ए-हिंद की मुख़्तलिफ़ दफ़आत और करप्शन की रोक थाम एक्ट के तहत दायर की गई है।

इस से पहले चीफ़ मिनिस्टर ने काबीना के ज़रीये एक क़रारदाद मंज़ूर कराई थी जिस में धर्मना प्रसाद के ख़िलाफ़ वानपक स्कैंडल में क़ानूनी चाराजोई की सी बी आई दरख़ास्त को मुस्तर्द कर दिया गया था लेकिन गवर्नर ई एस एल नरसिम्हन ने उस की मंज़ूरी नहीं दी ।

इस के बावजूद धर्मना प्रसाद राव‌ ने तक़रीबन पाँच माह तक ख़ामोशी इख़तियार करने के बाद दुबारा सरकारी ज़िम्मेदारी निभाना शुरू कर दिया था । जगन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा में दीगर तीन कांग्रेसी वुज़रा जय गीता रेड्डी पी लकशमया और के लक्ष्मी नाराय‌ना पर भी सी बी आई की नज़र है।

सी बी आई ने अब तक उन्हें इस मुक़द्दमा में मुल्ज़िम क़रार नहीं दिया है लेकिन उन के ख़िलाफ़ तहक़ीक़ात जारी हैं ।