आमदनी से ज़्यादा असासाज़ात(दौलत) मामले में पिछले 16 महीने से जेल में बंद वाईएसआर कांग्रेस चीफ वाईएस जगनमोहन रेड्डी को पीर के दिन खुसूसी सीबीआई कोर्ट ने बतौर मशरूत (Conditional) जमानत दे दी।
40 साला जगन को इस मामले में पिछले साल 27 मई को गिरफ्तार किया गया था और तब से ही वह चंचलगुडा सेंट्रल जेल में बंद थे।
खुसूसी सीबीआई कोर्ट के जज ने जगन को दो लाख रुपए के पर्सनल बांड और इतनी ही रकम की दो सेक्युरिटीज पर जमानत दी। जमानत देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई है।
इसके तहत जगन बिना कोर्ट की इज़ाज़त के हैदराबाद छोड़कर नहीं जा सकेंगे और न ही गवाहों को बराह रास्त या बिलवास्ता तौर पर मुतास्सिर करने की कोशिश करेंगे। इन सबके इलावा उनसे मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहने को कहा गया है।
कोर्ट ने कहा कि अगर जगन शर्तों की खिलाफवर्जी करते हैं तो सीबीआई उनकी जमानत रद्द करने की अपील कर सकती है।
जगनमोहन रेड्डी को जमानत मिलने की खबर सुनते ही उनके हामियों ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया और मिठाई बांटी। कोर्ट में वाईएसआर कांग्रेस चीफ की बीवी भारती और उनके कई हमी मौजूद थे।
इससे पहले सीबीआई ने कडप्पा से एमपी रेड्डी की जमानत की दरखास्त का यह कहते हुए एहतिजाज किया था कि अगर उन्हें जमानत मिली तो वह मामले को मुतास्सिर कर सकते हैं।
जगन ने 11 सितंबर को कोर्ट में जमानत की दरखास्त दायर की थी। सीबीआई ने आमदनी से ज़्यादा अशाशा के मामले में जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ 10 चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें से आखिर दो चार्जशीट 17 सितंबर को ही दाखिल की गई।
इस मामले में कई साबिक और मौज़ूदा वज़ीर समेत कई ब्यूरोक्रेट्स भी मुल्ज़िम हैं।
इधर कांग्रेस का कहना है कि सीबीआई कोर्ट के वाईएसआर कांग्रेस चीफ जगनमोहन रेड्डी को जमानत दिए जाने के पीछे सियासी मकसद नहीं तलाशना चाहिए।
पार्टी के तरजुमान पीसी चाको ने यह बात उस सवाल के जवाब में कहा, जिसमें उनसे टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू के बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद ही जगन को जमानत दिए जाने की अहमियत के बारे में पूछा गया।
उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले का सभी को हमेशा एहतेराम करना चाहिए। इसे किसी अलग नज़रिये से देखना गलत है।