हैदराबाद (सियासत न्यूज़ )वाई एस आर कांग्रेस पार्टी के सदर ओर-कड़पा से सांसद मिस्टर वाई एस जगन मोहन रेड्डी को आज सुबह सख़्त सेक्युरीटी के दरमयान आज नामपली क्रीमिनल कोर्ट में पेश किया गया जहां उन्हें सी बी आई की ख़ुसूसी(विशेष) अदालत ने 4 दिन केलिए अदालती तहवील में दे दिया और इस के बाद सी बी आई ने उन्हें चंचल गौड़ा जेल भेज दिया ।
सी बी आई ख़ुसूसी(विशेष) कोर्ट के जज मिस्टर जी पुलिया ने मिस्टर जगन को 15 दिनों के लिए सी बी आई तहवील में देने की दरख़ास्त को रद कर दिया । लेकिन समझा जाता है कि सी बी आई अदालत में ओर एक दरख़ास्त दायर करते हुए जगन को पूछगछ के लिए अपनी तहवील में लेने की अपील कर सकती है।
कोर्ट ने कड़पा से सांसद की दरख़ास्त ज़मानत भी ख़ारिज करदी और उन्हें 11 जून तक जेल में कैद रखने का हुक्म दिया। मिस्टर जगन को आज सुबह दिलकुशा गेस्ट हाउस से नामपली क्रीमिनल कोर्ट को सख़्त सेक्युरिटी के दरमयान लाया गया जहां पर सी बी आई के ख़ुसूसी(विशेष) वकील और वकील दिफ़ा के दरमयान 4 घंटे बेहस हुई ।
सी बी आई ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एडवोकेट अशोक भान की ख़िदमात हासिल करते हुए उन्हें जांच ब्युरों की तरफ से बेहस के लिए तय किया । अशोक भान ने सी बी आई ख़ुसूसी(विशेष) अदालत से ये कहा कि जगन मोहन रेड्डी जो आवक से जयादा सम्पती मुक़द्दमे के मुल्ज़िम नंबर एक है पिछ्ले तीन दिन से जांच एजेंसी के ओहदेदारों कि मदद नहीं कर रहे थे जिस कि वजह से उन्हें गिरफ़्तार किया गया ।
मिस्टर अशोक भान ने दिलकुशा गेस्ट हाउस में जगन से लगातार तीन दिन की पूछगछ की वीडीयो सी डी भी अदालत को पेश की। उन्हों ने जगन की दरख़ास्त ज़मानत की मुख़ालिफ़त करते हुए कहा कि अगर उन की ज़मानत मंज़ूर की जाती है तो वो इस केस के गवाहों पर असर डाल सकते हैं और गवाहों से छेड़छाड़ भी कर सकते हैं। अपनी बेहस में उन्हों ने कहा कि हाईकोर्ट के अहकामात के बाद सी बी आई ने जगन और दुसरे 73 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज किया है जिस में 24 लोगों के ख़िलाफ़ फ़ौजदारी मुक़द्दमात चलाए जा रहे हैं ।
उन्हों ने अपनी बेहस में कहा कि सिर्फ चार साल कि मुद्दत में जगन मोहन रेड्डी रतन टाटा और अंबानी जैसे बहुत बडे मालदार शख़्स बन गए । कड़पा से सांसद ने मोरीशिस और अन्य बैरूनी मुल्कों से हवाले के ज़रीये अपनी कंपनीयों में सरमाया कारी की ।सी बी आई के दावे को ख़ारिज करते हुए वकील दिफ़ा सीनीयर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट मुवक्किल रोहतगी ने अपनी बेहस में कहा कि मिस्टर जगन मोहन रेड्डी के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया मुक़द्दमा ग़लत है और सयासी रक़ाबत(राजनितीक दुशमनी) का नतीजा है ।
उन्हों ने कहा कि जांच एजेंसी ने बगै़र कोई ठोस सबूत के मिस्टर जगन को इस केस में गीरफ्तार किया है और उन के ख़िलाफ़ दफ़ा 420 (धोका दही ) लगाया है जबकि उन के मुवक्किल के ख़िलाफ़ किसी ने भी धोका दही की शिकायत दर्ज नहीं करवाई । मिस्टर जगन के एक और वकील सीनीयर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट सोश्यल कुमार ने कहा कि इन के मुवक्किल का ताल्लुक़ एक सयासी घराने से है और वो सयासी पार्टी के सदर होने के इलावा सांसद भी है । उन्हें इस केस में ज़मानत मंज़ूर की जाए और ज़मानत मंज़ूर होने पर वो इस केस पर असर डालने कि कोशिश नहीं करेंगे और ना ही वो छिप जाएंगे ।
अदालत की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही कोर्ट होल वकिलों, सहाफ़ीयों ,जगन के ख़ानदान के सदस्यों और उन के हामीयों से खछा खछ भर गया था । वकिलों की अदालत में बडी तादाद में हाज़िरी के सबब कोर्ट के बंच क्लर्क ने ग़ैर मुताल्लिक़ वकिलों को कोर्ट होल से बाहर जाने के लिए कहा जिस पर वकिल गुस्से होगए और एहतिजाज किया।
वहां पर मौजूद वकिलों ने सी बी आई के जवाइंट डायरेक्टर मिस्टर वि वि लक्ष्मी नारायणा की बेहस के दौरान मौजूदगी पर एतराज़ किया और उन्हें कोर्ट से बाहर जाने के लिए कहा । इस बिच पुलीस ने आज सुबह से ही नामपली क्रीमिनल कोर्ट के आजु बाजु के इलाक़ों को पुलीस छावनी में बदल दिया था और कोर्ट की सिम्त जाने वाले तमाम रास्तों पर बेरीगेटस लगा दीए थे । मीडिया के नुमाइंदों को भी अदालत में दाख़िला की इजाज़त नहीं दी गई ।