हैदराबाद 25 जनवरी : आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने गैर मह्सूब असासा जात के मुक़द्दमे में आज वाई एस आर कांग्रेस के सरबराह वाई एस जगन मोहन रेड्डी की दरख़ोसात ज़मानत मुस्तारिद करदी ।आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने इन कैद रख़वासत ज़मानत 24 दिसमबर को भी मुस्तारिद करदी थी ।
सी बी आई ने 22 जनवरी को हाइकोर्ट से रुजू होते हुए इल्ज़ाम आइद किया था कि वो इस मुक़द्दमे में तेज़ी के साथ इस लिए तहकीकात मुकम्मल नहीं कर पा रही है कीवनके रियासती हुकूमत इस सिलसिले में तआवुन नहीं कर रही है । जगन मोहन रेड्डी के वकील एस निरंजन रेड्डी ने क़बल अज़ीं जगन की दरख़ास्त ज़मानत पर बेहस करते हुए शिकायत की थी कि एसा लगता है कि तहकीकात कभी ख़त्म होने का नाम नहीं लेंगी और नामुकम्मल तहकीकात के नाम पर ज़मानत को मुस्तारिद नहीं किया जा सकता ।
सी बी आई ने ताहम इस्तिदलाल पेश किया कि अदालत के इस हुक्मनामा की बुनियाद पर ज़मानत नहीं दी जा सकती जिस में कहा गया है कि जगन मोहन रेड्डी को क़तई चार्च शीट की पेशकशी के बाद ट्रायल अदालत में ज़मानत से रुजू होने का इख़तियार हासिल रहेगा। 28 नवंबर को सी बी आई की एक ख़ुसूसी अदालत ने जगन की दस्तूरी दरख़ास्त ज़मानत को मुस्तारिद करदिया था । 4 दिसमबर को जगन की दूसरी दरख़ास्त ज़मानत भी मुस्तारिद होगई थी । वानपक प्रॉजेक्ट प्रोमोटर सनअतकार नुमा गड्डा प्रसाद पर इल्ज़ाम है कि उन्हों ने जगन की कंपनियों में 854 करोड़ की सरमाया कारी की है और उसके इव्ज़ में राज शेखर रेड्डी हुकूमत ने कई प्राजेक्टस पर काम दिलाने में अहम रोल निभाया था ।