नई दिल्ली । 11 । मार्च (पी टी आई ) हुकूमत अनक़रीब मौजूदा निज़ाम की जगह लेने केलिए जजस के तक़र्रुर के एक मुतबादिल निज़ाम के सिलसिले में क़ानूनसाज़ी करेगी। मर्कज़ी वज़ीर क़ानून अश्वनी कुमार ने आज कहा कि उसे फैसले वसीअ तरसता पर मूसिर साबित होते हैं।
उन्होंने कहा कि इत्तेफ़ाक़ राय पैदा करने केलिए तमाम सियासी पार्टियों के साथ मुशावरत की जाएगी । वो वकफ़ा-ए-सवालात के दौरान राज्य सभा में बयान दे रहे थे, उन्होंने कहा कि हम समझते है की जजस के तक़र्रुर केलिए अदलिया की यकजहती में ख़ललअंदाज़ी के बगैर एक मुतबादिल निज़ाम क़ायम करने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि ज़्यादा तादाद में जायदादें मख़लवा रखने का कोई जवाज़ नहीं है। अश्वनी कुमार ने ताहम नए निज़ाम की तफ़सीलात का तज़किरा नहीं किया जिस पर हुकूमत ग़ौर कर रही है लेकिन कहा कि हुकूमत अदलिया की आज़ादी के बारे में हस्सास है। उन्होंने कहा कि जजों के तक़र्रुत का मौजूदा तरीक़ेकार इत्मीनान बख़श नहीं है।
उन्होंने कहा कि मर्कज़ी वज़ारत क़ानून मुतबादिल निज़ाम के बारे में मुशावरत के क़तई मरहले में है जिस के ज़रीये आजलाना तौर पर ख़ाली जायदादों पर तक़र्रुत मुम्किन हो सकीं गे ।उन्होंने कहा कि नया निज़ाम मौजूदा निज़ाम की तमाम खामियों को दूर कर दे गा और नाकाफ़ी फ़ंडज़ अदलिया की तौसीअ में रुकावट नहीं बनेंगे ।
फ़िलहाल मुख़्तलिफ़ हाइकोर्टस में 278 जायदादें मख़लवा हैं जो जजस की जुमला मनज़ोरा तादाद का 30 फ़ीसद हैं । अलावा अज़ीं मौजूदा जजस की तादाद 17800 के तहत की अदालतों में है और उस को दोगुना करदेना ज़रूरी है कियोंकी दो करोड़ 70 लाख मुक़द्दमे ज़ेर अलतवा है।