लव जिहाद’ के मुल्ज़िम रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन के रिश्ते कई जजों से रहे हैं। पुलिसिया पूछताछ में उसने इस बात को कुबूल कर लिया है। उसने यह भी कुबूल कर लिया है कि कई लड़कियों से उसकी अच्छी दोस्ती रही है। जजों से दोस्ती की बदौलत उसने कई बड़े काम करवाए।
रकीबुल ने पूछताछ के दौरान यह भी कुबूल किया है कि जजों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के अलावा उनके खिलाफ चलने वाले मामलों में क्लीन चिट दिलाने और इस एवज में जमानत दिलाने की पैरवी वह करता था। कई संगीन जुर्म के मुलजिमों को कोहली के इशारे पर अब तक छोड़ा जा चुका है। कोहली ने यह भी कुबूल किया कि झारखंड ही नहीं, कई दीगर रियासतों के जजों से उसकी गहरी दोस्ती है।
कई लड़कियों से ताल्लुक
रिमांड के दूसरे दिन जब रंजीत कोहली से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने कुबूल किया कि कई लड़कियों से उसकी दोस्ती रही है। हालांकि, उसने इस बात से इनकार किया कि उनका इस्तेमाल उसने ‘दूसरे तरीके’ से किया है।
जज की मदद से बना फौरी पासपोर्ट
कोहली की पहुंच सिविल कोर्ट से लेकर हाइ कोर्ट तक रही है। इस इल्ज़ाम पर मुहर उस वक्त लग गई जब रांची पुलिस ने कोहली के नाम जारी फौरी पासपोर्ट के सिफ़ारिश करने वाले का नाम खोज निकाला। शिफारिश दिल्ली के एक जज ने की थी। बाद में यह पासपोर्ट (नंबर के -138875) मुस्तकबिल हो गया। यह पासपोर्ट रंजीत सिंह कोहली के नाम से है जिसमें वालिद का नाम हरनाम सिंह कोहली लिखा है। यह पासपोर्ट अशोक विहार के किराए के मकान के पते पर जारी हुआ है। यह भी खुलासा हुआ है कि दिल्ली के कई जज इसके राब्ते में थे। रंजीत के कहने पर जजों का तबादला भी होता था।
भागने में जज के बॉडीगार्ड ने की मदद
तारा शाहदेव की तरफ से हिंदपीढ़ी थाना में 19 अगस्त को केस किया गया था। इसके बाद कोहली अपनी स्कॉर्पियो से दिल्ली भाग गया। इस गाड़ी का ड्राइवर एक जज का बॉडीगार्ड था। रांची के एसएसपी ने इस मामले की इत्तिला देवघर पुलिस को देते हुए मुल्ज़िम बॉडीगार्ड को मूअतिल करने की सिफ़ारिश की है।