लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले राजग के सभी घटक दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार में सीट बंटवारे को लेकर जल्द निर्णय चाहते हैं. केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जतायी कि राजग के सभी घटक दलों के बीच सीट साझा का मुद्दा जल्द ही सुलझ जाएगा.
पासवान ने कहा कि सभी पार्टियों को लोकसभा चुनाव के लिए उससे पूर्व अपने कार्यकर्ताओं को संगठित करने की आवश्यकता होती है. यही कारण है कि सीट साझा के मुद्दे पर जल्द निर्णय आवश्यक है. मुझे विश्वास है कि मुद्दे का हल हो जाएगा.
राजग के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे का मामला उस समय एकबार फिर गरमाया जब जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने भाजपा नेताओं पर मामले में अनर्गल बयानबाजी का आरोप लगाया. नौबत यहां तक आ पहुंची कि संजय सिंह ने कह दिया कि भाजपा जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा तय कर ले. अगर वह गठबंधन नहीं करना चाहती है तो उनकी पार्टी अकेले ही सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. संजय सिंह का यह बयान, विपक्षी नेताओं के उन बयानों की पुष्टि करता हुआ दिखता है कि बिहार राजग में सब-कुछ ठीक नहीं है और सीएम नीतीश कुमार की पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से अलग हो जाएगी.
लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे का विवाद जदयू के 25 सीटों पर चुनाव लड़ने के दावे से शुरू हुआ है. वहीं, सोमवार को जदयू की तरफ से नया बयान आया. भाजपा सहित बिहार की चार सहयोगी पार्टियों में सीट बंटवारे के लिए जदयू 2015 के राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजों को आधार बनाना चाहता है. जदयू ने विधानसभा चुनाव में भाजपा से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया था. जदयू नेताओं का दावा है कि 2015 का विधानसभा चुनाव राज्य में सबसे ताजा शक्ति परीक्षण था और आम चुनावों के लिए सीट बंटवारे में इसके नतीजों की अनदेखी नहीं की जा सकती. बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू को राज्य की 243 सीटों में से 71 सीटें हासिल हुई थीं. वहीं भाजपा को 53 और लोजपा-रालोसपा को दो-दो सीटें मिली थीं. जदयू उस वक्त राजद एवं कांग्रेस का सहयोगी था, लेकिन पिछले साल वह इन दोनों पार्टियों से नाता तोड़कर राजग में शामिल हो गया और भाजपा के साथ सरकार बना ली.