जदयू चाहे तो जीत सकता है तीनों सीट

पटना 24 अप्रैल : कानून साज़ कोंसिल की तीन नश्स्तों के लिए हो रहे ज़म्नी इन्तेखाबत में जदयू चाहे तो सभी सीटें अपने दम पर जीत सकता है। पर, हाल के दिनों में भाजपा के साथ तल्ख होते रिश्तों के दर्मियान दोनों पार्टियों की दोस्ती टूटती नहीं दिख रही। जदयू ने इशारा दिया है कि तीन सीटों में एक सीट भाजपा को दी जायेगी, जबकि दो सीटें जदयू की झोली में आयेंगी।

एक सीट के लिए 122 वोटों की जरूरत : इलेक्शन कमीशन ने पीर को असेंबली की तीनों सीटों के लिए अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी की है। इसका मतलब यह हुआ कि एक सीट की जीत के लिए कम-से-कम 122 आरकिन असेंबली के हिमायत की जरूरत होगी।

243 रुकनी बिहार असेंबली में जदयू के 118 रुक़न असेंबली हैं, जबकि चार आज़ाद असेंबली अरकान का भी उसे हिमायत हासिल है। ऐसे में गंठबंधन में तकरार बढ़ी, तो जदयू तीनों सीट अपने दम पर हासिल कर सकता है।

दूसरी जानिब जदयू से अलग हो कर भाजपा को एक सीट जीतने के लिए 30 अज़ाफी वोटों की इंतेज़ाम करनी होगी।ताहम, इसकी इमकान कम है कि एक सीट के लिए गंठबंधन टूट जाये। जदयू के रियासती सदर वशिष्ठ नारायण सिंह ने मंग को इशारा दिया कि जदयू व भाजपा मिल कर कानून साज़ कोंसिल का ज़म्नी इन्तेखाबत लड़ेंगे।

इनकी मजबूत दावेदारी : एक सीट अक़्लियति कोटे को भी दी जा सकती है। सबिक़ वजीर मंजर आलम को पार्टी असेंबली में अपना उम्मीदवार बना सकती है। एक सीट पश्मंदा और एक कुशवाहा बिरादरी को दिये जाने की चर्चा है। पश्मंदा तबके में सबिक़ वजीर उपेंद्र प्रसाद वर्मा, सबिक़ चेयरमैन वजीर वीरेंद्र कुमार चौधरी, पार्टी जेनरल सेक्रेटरी उदय कुमार प्रजापति व चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, कुशवाहा नेताओं में पहला नाम रियासती जेनरल सेक्रेटरी राज किशोर कुशवाहा का आता है। फिर जेपी वर्मा, भगवान सिंह कुशवाहा, नंदकिशोर कुशवाहा वगैरह के नाम चर्चा में हैं. रामाश्रय प्रसाद सिंह के हामियों का मानना है कि पार्टी उनके बेटे को एक सीट पर मौका देगी।