नई दिल्ली: आज तक चैनल के हल्ला बोल कार्यक्रम में केसी त्याजगी, असदुद्दीन ओवैसी और राकेश सिन्हाज एक टीवी डिबेट में हज सब्सिडी पर चर्चा कर रहे थे. इसकी वकालत करते हुए ओवैसी ने कहा कि सरकार को फिर किसी मजहब के त्यौचहार पर पैसे खर्च नहीं करने चाहिए. इस पर आरएसएस विचारक के तौर पर बहस में हिस्साी ले रहे राकेश सिन्हा ने कहा कि फिर आप मुस्लिमों के लिए अलग से सरकारी खर्च पर शिक्षा की मांग क्यों करते हैं. इस पर ओवैसी ने कहा कि संविधान के तहत अल्पषसंख्याकों में मुस्लिम भी आते हैं और शिक्षा बुनियादी हक है. उन्होंने नीतीश कुमार को चुनौती दी कि वह समान नागरिक संहिता और धारा 370 की परिभाषा बताएं. इस पर बहस में शामिल जदयू नेता केसी त्याागी ने ओवैसी को कम्यु नल कहते हुए कहा कि आपसे किसी को सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. आप खुद दंगा फसाद कराते रहते हैं.
एआईएमपीएलबी के कमाल फारुकी ने कहा कि राजनीति से इतर, हज की बात करें तो वह वैसे ही आदमी को करना चाहिए जो हर तरह से समृद्ध हो और जिसे इसके लिए कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़े. गरीब आदमी के लिए हज फर्ज नहीं है, अगर वह बचत से या पैसों का इंतजाम कर खुद करता है तो यह उसकी मर्जी.
गुरुवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जानकारी दी थी कि ‘सऊदी अरब ने भारत के वार्षिक हज कोटे में 34,500 की वृद्धि कर दी है.’ इस बारे में द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर सऊदी अरब के हज एवं उमरा मंत्रालय जेद्दा में किये गए. नकवी ने अपने बयान में कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि सऊदी अरब ने भारत के हज कोटे में 34,500 की वृद्धि कर दी है.
1988 के बाद पहली बार भारत से हज पर जाने वाले यात्रियों के कोटे में इतनी बड़ी वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि हज 2016 में भारत भर में 21 केंद्रों से लगभग 99,903 हाजियों ने हज कमेटी ऑफ इंडिया के जरिये हज किया और लगभग 36 हजार हाजियों ने प्राइवेट टूर ऑपरेटरों के जरिये हज की अदायगी की थी.
उल्लेखनीय है की हज कोटे में वृद्धि के बाद से सियासी जमातों में हज पर रजनीति शुरू हो गई है इसी को लेकर आज तक चैनल के हल्लाजबोल कार्यक्रम में केसी त्यारगी, असदुद्दीन ओवैसी और राकेश सिन्हाो को डिबेट में हज सब्सिडी पर चर्चा के लिए बुलाया गया था.