जदयू के क़ौमी सदर शरद यादव ने जुमा को कहा कि लोकसभा इंतिख़ाब के बाद जदयू फिर एनडीए का इत्तिहादी बन सकता है। उनका यह बयान वजीरे आला नीतीश कुमार और जदयू के अब तक के स्टैंड से बिल्कुल अलग है।
यादव ने यह भी कहा कि एनडीए से अलग होने का खामियाजा इंतिख़ाब में उनकी पार्टी को उठाना पड़ सकता है। हालांकि उन्होंने इंतिख़ाब से पहले एनडीए के साथ तालमेल की संभावना को खारिज कर दिया। लेकिन, यह जरूर जोड़ा कि भाजपा के लीडरों ने गलती कर दी।
अगर उन्हें कुछ करना ही था, तो इंतिख़ाब के बाद करते। ऐसी हालत में दोनों दलों को इंतिख़ाब में फायदा होता। यादव ने सहरसा सर्किट हाउस में सहाफ़ियों के साथ बातचीत में यह खुलासा किया।
हम गप नहीं लड़ाते : उन्होंने कहा-बेबाकी के चलते लोग मुझे बदनाम किए हुए है। पटना पहुंचने पर यादव से जब ये पूछा गया कि नीतीश नए मोर्चे की बात कर रहे हैं तो उन्होंने कहा-हम ‘गप नहीं लड़ाते हैं। अभी कुछ भी तय नहीं है। नीतीश कह रहे हैं तो क्या हुआ? हम तो नहीं कह रहे ना।
वामदलों से होगा तालमेल
उन्होंने कहा-लोकसभा इंतिख़ाब में बिहार में जदयू का वामपंथी पार्टियों से तालमेल होगा। कांग्रेस जेनरल सेक्रेटरी राहुल गांधी को बच्चा का खिताब करते हुए कहा कि उन्हें अनाप-शनाप बयान नहीं देना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी और इंदिरा गांधी को अपना आदर्श मानते हुए जदयू के क़ौमी सदर ने कहा कि कांग्रेस, राजद और लोजपा इत्तिहाद का इंतिख़ाब में हवा निकल जाएगी। कांग्रेस और भाजपा कॉर्पोरेट की पार्टी है।
इसलिए, आवाम को दोनों से होशियार रहना चाहिए। इधर, पटना में यादव ने वजीरे आला के साथ इंतिखाबी पॉलिसी पर एक घंटे तक बैठक की। बाद में स्टेट गेस्ट हाउस में सहाफ़ियों से बातचीत में उन्होंने कहा-नीतीश हुकूमत से हिमायत वापसी की बात करने वाले कांग्रेसी लीडर ‘लुच्चे हैं’ ऐसे लोगों की कोई औकात नहीं है। उनके हिमायत वापस लेने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।