बिहार में जदयू, राजद और कांग्रेस मिलकर इंतिख़ाब लड़े तो भाजपा इत्तिहाद (एनडीए) को एसेम्बली इंतिख़ाब में अकसरियत से दूर रहना पड़ सकता है। लेकिन तीनों पार्टी अगल- अलग लड़े या कांग्रेस को छोड़ जदयू- राजद साथ लड़े तो भी एनडीए को अकसरियत मिलने के आसार हैं। वजीरे आला नीतीश कुमार बिहार के सबसे ज़्यादा मक़बूल लीडर हैं। भाजपा के सुशील कुमार मोदी दूसरे नम्बर पर नीतीश कुमार के मुकाबले एक तिहाई पॉइंट्स ही हासिल कर सके हैं। लालू प्रसाद काफी कम पॉइंट्स के साथ इस मोचें पर तीसरे नम्बर पर हैं।
एबीपी न्यूज की तरफ से बिहार एसेम्बली इंतिख़ाब के साबिक़ कराए गए ओपिनियन पोल में ऐसे इशारे मिले हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक रियासत में गैर भाजपा हुकूमत बनाने के लिए जदयू और राजद को कांग्रेस के साथ मिलकर इंतिख़ाब लड़ना होगा। जदयू और राजद मिल भी जाए और कांग्रेस अलग लडे़ तो भाजपा को अकसरियत मिल सकता है। लेकिन तीनों के मिल जाने पर इन्हें साफ अकसरियत मिलने के आसार हैं।