जदयू व राजद को मिला कर एक पार्टी बना सकते हैं लालू और नीतीश

राजद पुराने जनता खानदान के दलों के मिल जाने का खाका बना रहा है। झारखंड में इंतिख़ाब के बाद इस मुहिम के अंजाम तक पहुंचने की इमकान है। ज़राये का कहना है कि महाराष्ट्र और हरियाणा एसेम्बली इंतिख़ाब नतीजों के बाद शरद यादव, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद में से राजद और जदयू के साथ होने पर मंजूरी बन गई है।

पॉलिसी मेकरों की मानें तो फरवरी तक नए पार्टी का ड्राफ्ट सामने आ जाएगा। गुजिशता दिनाें सपा सरबराह मुलायम सिंह यादव के दिल्ली रिहाइशगाह पर पुराने जनता खानदान के ये दिग्गज भाजपा की बढ़ती ताकत से निपटने की पॉलिसी पर गौर कर चुके हैं। इसी के तहत बिहार में राजद और जदयू के मिल जाने की सिम्त में काम शुरू हुआ है।

दोनों के दरमियान सीट तक़सीम का झंझट होगा खत्म

राजद और जदयू अगर प्लेटफोरम या मोर्चा बना कर बिहार एसेम्बली के अक्टूबर-नवंबर 2015 में मुमकिना इंतिखाब में उतरते हैं तो कई मसले बनी रहेंगी। मोर्चा की सूरत में सबसे बड़ी मसला सीट शेयरिंग की है। किसी भी हालत में दोनों पार्टियों में तमाम 243 एसेम्बली सीटों पर सौ फीसद मूआहिदा मुमकिन नहीं है।

अलग रहे तो ये फंसेगा पेंच

रियासत में राजद की सबसे ज़्यादा अवामी रुझान वाली पार्टी की दावेदारी है, तो जदयू सबसे ज़्यादा एमएलए (115) होने की वजह से ज्यादा सीटें चाहेगा। पर राजद का मानना है कि बदली इंतिखाबी सुरते हाल में जदयू की दावेदारी कमजोर है। गुजिशता एसेम्बली इंतिख़ाब में जदयू की जीत में भाजपा की भी अहम हिस्सेदारी थी।

नीतीश भी दे चुके हैं इशारे

गुजिशता दिनों सपा सरबराह मुलायम सिंह यादव के घर बैठक के बाद नीतीश कुमार ने इशारे दिए थे कि जरूरत पड़ी तो पुराने जनता खानदान के पार्टियों का मिलाप भी मुमकिन है।