जदयू 18 बागी एमएलए के खिलाफ कार्रवाई करेगी

बिहार में गुजिशता 19 जून को राज्यसभा की दो सीटों के लिए हुए जमनी इंतिखाबात में पवन वर्मा और गुलाम रसूल बलियावी के खिलाफ वोट करने और दीगर एमएलए को इसके लिए उकसाने वाले अपने 18 बागी एमएलए के खिलाफ जदयू कार्रवाई करेगी।

बिहार के पार्लियामनी काम के वज़ीर श्रवण कुमार ने सनीचर को सहाफ़ियों को यह जानकारी दी। श्रवण कुमार जो कि बिहार विधानसभा में जदयू एमएलए दल के चीफ़ भी हैं, ने बताया कि इन एमएलए के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर उन्होंने एक रिपोर्ट पार्टी के क़ौमी सदर शरद यादव, साबिक़ वजीरे आला नीतीश कुमार, वजीरे आला जीतन राम मांझी और पार्टी के रियासती सदर वशिष्ठ नारायण सिंह को सौंप दी है।

जीतन राम मांझी काबीना तौसिह के बाद से नाराज चल रहे जदयू के इन बागी एमएलए ने पार्टी कियादत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए गुजिशता 19 जून को हुए राज्यसभा के जमनी इंतिखाबात में जदयू उम्मीदवारों के खिलाफ खड़े हुए दो आज़ाद उम्मीदवारों अनिल शर्मा और साबिर अली के हक़ में वोटिंग किया था।

श्रवन ने कहा कि इन एमएलए के इस काम से यह वाजेह है कि उनका यह किरदार खुद से जदयू की रुकनीयत छोड़ना है। जदयू इन तमाम के खिलाफ जल्द जरूरी कार्रवाई करेगी। राज्यसभा जमनी इंतिखाबत में पार्टी हिदायतों के खिलाफ काम करने वाले इन बागी एमएलए के खिलाफ कार्रवाई की के बारे में पूछे जाने पर श्रवण ने बताया कि इस बारे में फैसला पार्टी के ये चारों सीनियर लीडर लेंगे।

उन्होंने दलील देते हुए कहा कि कानून की 10र्वी शेडुल के तहत राज्यसभा इंतिख़ाब में व्हिप जारी किये जाने की तजवीज है जिसके तहत उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों के हक़ में वोटिंग के लिए व्हिप जारी किया था।

श्रवन ने कहा कि पार्टी के तीन दीगर एमएलए राजकुमार राय, रजिया खातून और सरफराज आलम के बारे में मीडिया में आयी उस खबर कि इन लोगों ने पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ वोटिंग किया था, ये तीनों मेम्बर पूरी ईमानदारी से दल के साथ रहे हैं इन तीनों ने राज्यसभा इंतिख़ाब में जदयू के उम्मीदवारों के हक़ में अपना वोट दिया है।

राज्यसभा जमनी इंतिख़ाब में दोनों आज़ाद उम्मीदवारों अनिल शर्मा और साबिर अली की हार हो जाने से रियासत में इक्तिदार पार्टी जदयू के बागी एमएलए ने बाढ़ विधानसभा इलाक़े से एमएलए ज्ञानेंद्र कुमार सिंह के रिहाइशगाह पर कल एक बैठक कर अपने मुखालिफत को जारी रखने के साथ विधानसभा में हुकूमत की खिंचाई और आने वाले वक़्त में आवाम के दरमियान मुहिम चलाए जाने का फैसला लिया था।