जदीद रेलवे निज़ाम की टैक्नालोजी में ख़ामी

बर्लिन३१ दिसम्बर: (एजेंसीज़) कम्पयूटर स्कियोरटी के एक माहिर ने ख़दशा ज़ाहिर किया है कि रेल गाड़ीयों की पटरियों को तबदील करने के मौजूदा निज़ाम को अगर मोबाइल टैक्नोलोजी से तबदील कर दिया जाये तो इस सूरत में इस निज़ाम को हैकरों के हमले का ख़तरा लाहक़ हो जाएगा।

ये इन्किशाफ़ बर्लिन में क्यास कम्यूनीकेशन कांग्रस के दौरान एक कम्पयूटर स्कियोरटी के माहिर प्रोफ़ैसर स्टीफ़न काट ज़न बयाग्ज़र ने किया है।इस निज़ाम को मुतआरिफ़ कराने वाली एक कंपनी नेटवर्क रेल के तर्जुमान पी जे टेलर ने इन ख़दशात को मुस्तर्द करते हुए कहा कि जी ऐस ऐम आर एक महफ़ूज़ और मुस्तहकम निज़ाम है और हम अपने निज़ाम की हिफ़ाज़ती तफ़सीलात पर बातचीत नहीं कर सकती।

प्रोफ़ैसर स्टीफ़न काटज़ नबयाग़ज़र का कहना था कि अगर इस निज़ाम को कंट्रोल करने से मुताल्लिक़ खु़फ़ीया कोड गुम हो जाएं तो ये निज़ाम बंद हो सकता है।इन का कहना था कि अगरचे रेल गाड़ीयों तो कोई ख़तरा तो नहीं होगा लेकिन गाड़ीयों में ताख़ीर का इमकान है।

तारीख़ी तौर पर यूरोप में एनालोग निज़ाम की मदद से रेल गाड़ीयों की पटरियां बदली जाती रही हैं।गुज़श्ता सदी के इख़तताम तक यूरोप में रेल गाड़ीयों के दरमयान मुवासलात के पैंतीस मुख़्तलिफ़ और आपस में मुताबिक़त ना रखने वाले निज़ाम जे़रे इस्तिमाल थी। रेलवे निज़ाम की तैयारी से मुताल्लिक़ सांत् कारों के एक ग्रुप ने मुशतर्का तौर पर एक यकजा डीजीटल निज़ाम राइज करने का फ़ैसला किया।