जनरल बिपिन रावत ने नए सेनाध्यक्ष का पद संभाला

जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना के 27वें  प्रमुख का प्रभार संभाल लिया। उन्होंने जनरल दलबीर सिंह सुहाग की जगह ली, जो 42 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गए। दूसरी तरफ एयर मार्शल वीरेन्द्र सिंह धनोवा ने भी अनूप राहा की जगह 25वें वायुसेना प्रमुख का प्रभार संभाला। जनरल रावत को दो वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल, प्रवीण बख्शी और पीएम हारिज पर तरजीह दी गई है।

लेफ्टिनेंट जनरल बख्शी ने नये सेना प्रमुख को पूरा सहयोग देने की घोषणा की है। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कहा कि वह पूरी पेशवर गंभीरता के साथ नेतृत्व करते रहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘सेना प्रमुख का पद भार संभालने पर जनरल बिपिन रावत को मैं अपनी शुभकामनाएं और पूर्वी कमान को पूरा सहयोग देता हूं।’’ इससे पहले ये अटकलें थी कि लेफ्टिनेंट जनरल बख्शी इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं या समय से पहले सेवानिवृत्ति ले सकते हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से भी हाल में मुलाकात की थी।

भारतीय सेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्म्ड फोर्स है। 1978 में सेना की गोरखा राईफल्स (5/11 गोरखा बटालियन) में शामिल हुए बिपिन रावत एक इंफेंट्री-अधिकारी हैं और काउंटर-टेरेरिज़म और एंटी-इन्सर्जेंसी एक्सपर्ट माने जाते हैं। उन्हें हाई-ऑलटिट्यूड यानि उंचे पहाड़ों पर लड़ने का भी अच्छा अनुभव है।

सरकार ने उनकी नियुक्ति पर हुए विवाद पर बयान जारी कर कहा था कि आज के सुरक्षा माहौल और भविष्य की चुनौतियों के मद्देनज़र उन्हें इस पद का सबसे उपयुक्त सैन्य-अधिकारी माना गया है. सेनाध्यक्ष बनने से पहले बिपिन रावत सह-सेनाध्यक्ष के पद पर तैनात थे।उरी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ हुई सर्जिकल-स्ट्राइक में बिपिन रावत की अहम भूमिका को देखते हुए ही सरकार ने उन्हें सेना प्रमुख के पद के लिए चुना है।