जनूबी अफ़्रीक़ा में पाकिस्तान की बदतरीन शिकस्त वसीम अकरम पर‌ तन्क़ीदें(आलोचना)

लाहौर 4 मार्च : पाकिस्तानी बौलिंग कूच वसीम अकरम को जनूबी अफ़्रीक़ा के ख़िलाफ़ सिफ़र(जीरो) के मुक़ाबले तीन से शिकस्त का सबब बनने वाली खराब‌ बौलिंग के लिए अपने मुल्क में सख़्त तन्क़ीदों और मुश्किलात का सामना होसकता है । पाकिस्तानी टीम के क़रीबी ज़राए ने दावा किया है कि बोलरों ने अपने कोच वसीम अकरम का कोई एहतिराम नहीं किया और ना ही उनके किसी मश्वरे को ख़ातिर में लाना गोवा राह क्या ।

ज़राए ने बयान देते हुए कहा कि उसकी एक वजह ये भी थी कि वसीम अकरम पाकिस्तान के लिए सिर्फ़ चंद ही बैन-उल-अक़वामी मैच खेले थे और उनके खाते में 17 विकेटस की बैन-उल-अक़वामी क्रिकेट में कोई एहमिऒयत नहीं रहती । मज़ीद बरआं उनके तक़र्रुर को बज़ात-ए-ख़ुद सवालिया निगाहों से देखा जाने लगा था क्योंकि एस ओहदा के लिए उनसे बेहतर उम्मीदवार भी मौजूद थे ।

ये चेमगोईयां भी जारी थीं कि महज़ सयासी दबाव‌ के तेहत उन्हें ये ओहदा दिया गया है । अब अकरम पर ऐसी तन्क़ीदें कोई हैरतअंगेज़ बात नहीं हैं । क्योंकि पाकिस्तानी क्रिकेट में ये रिवायत रही है कि इस किस्म की शिकस्त और नाकाम सीरीज़ के बाद अहम ओहदेदारों को मुख़्तलिफ़ तन्क़ीदों का निशाना बनाया जाता है ।

जनूबी अफ़्रीक़ा के ख़िलाफ़ शिकस्त ख़ूर्दा पाकिस्तानी सीरीज़ का अहम सबब उमर गुल जुनैद ख़ां मुहम्मद इर्फ़ान राहत अली और एहसान आदिल की ना तजुर्बा कार बौलिंग है जो मजमूई तौर पर सिर्फ़ 19 विकेटस लेते हुए औसतन फी कस 45.89 रन दिए हैं । पाकिस्तान के सब से ज़्यादा तजुरबाकार बोलर समझे जाने वाले उमर गुल ने 46.80 रन के औसत से सिर्फ़ पाँच विकेटस हासिल किया था । जिस से ख़ुद अब उनके मुस्तक़बिल के बारे में भी सवालात पैदा होने लगे ।