जबरन हमल कराते थे और फिर बेच देते थे बच्‍चा

घरेलू काम दिलाने के बहाने झारखंड के गुमला जिले से लड़कियों को दिल्ली ले जाकर उन पर ज़ुल्म किए जाने का खुलासा हुआ है। दिल्ली से लौटी पतुरा गांव की सुमति ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के रूकन संजय कुमार व मीडिया के रू ब रू जुमेरात के रोज़ जो कुछ बताया, वह रोंगटे खड़े करने वाला है।

उसके मुताबिक झारखंड से ले जाई गई लड़कियों को बिना शादी कराए बच्चा पैदा करने के लिए मजबूर किया जाता है। फिर उनके बच्चे को मोटी रकम लेकर बेच दिया जाता है। दिल्ली की झारखंड मैन पॉवर ब्यूरो नामी प्लेसमेंट एजेंसी ऐसे कार्य में मुलव्वस है।

इस एजेंसी को नैना कुमारी उर्फ मालती चलाती है। वह इस इलाके की लड़कियों को अच्छी तनख्वाह का लालच देकर अपने एजेंटों के ज़रिये से घरेलू काम के बहाने दिल्ली ले जाती है। वहां डराकर उनका इस्तेहसाल करते हैं और बच्चे पैदा कराते हैं।
मुतास्सिरा नस्ली तौर पर रियासत के सिमडेगा जिले के सिकोरला राजूटोली कोलेबिरा की रहने वाली है। वह कई साल से अपनी बहन के साथ गुमला के बसिया डिवीजन वाके पतुरा गांव में रहती थी। मामला सामने आने के बाद सीआइडी आइजी संपत मीणा ने गुमला एसपी भीमसीन टूटी को कार्रवाई की हिदायत दिये है।

करीब सात साल पहले गांव का ही चैन सिह उसे अच्छा काम दिलाने की बात कर दिल्ली ले गया और नैना कुमारी के हवाले कर दिया। नैना ने चैन सिह को उसके एवज में 10 हजार रुपये दिए। नैना में उसे पीतमपुरा में राजेश सिह के घर तीन साल तक काम कराया। इस दौरान उसे एजेंसी की तरफ से एक पैसा भी नहीं दिया गया।

फिर वहां से हटाकर कीर्तिनगर में संजय नरुल्ला के घर बतौर नौकरानी लगा दिया, जहां करीब चार साल काम किया लेकिन तंख्वाह नहीं मिली।

वह नैना के एजेंसी गई, जहां दिगर लड़कियों को बच्चे पैदा करने के लिए कस्टरमर्स के पास भेजा जाता था। उस पर इस काम के लिए दबाव डाला गया, लेकिन वह तैयार नहीं हुई। तीन माह पहले घर जाने की जिद करने पर उसे चैन सिंह के साथ 15 हजार रुपये देकर भेज दिया गया।

सीआईडी के आईजी संपत मीणा ने बताया कि मुतास्सिरा का बयान लेकर मामला दर्ज किया जाएगा और इंसानी के तहत कार्रवाई होगी।