शाहजहांपुर। सलमान जीने के लिए अखबार बांटने का काम करता है पर जीता है गायों के लिए। 25 वर्षीय सलमान ने अपना जीवन गायों के नाम समर्पित कर दिया है। सलमान नालों में फंसी गायों को बाहर निकालता है। जख्मी व बीमार गायों का इलाज कराता है। जब हर कोई सो रहा होता है तब सलमान ठिठुरती रातों में सड़कों पर लावारिस घूमने वाली गायों की सेवा कर रहा होता है।
अभी ठंड के मौसम में सलमान ने सड़क पर घूमने वाली गायों के लिए बोड़े की रजाई बनाई है। सलमान गायों की पीठ पर बोड़े की रजाई बांध देता है ताकि उन्हें ठंड से राहत मिल सके। ऐसा करने के पीछे सलमान की न तो पुरस्कार पाने और न ही नाम कमाने की इच्छा है।
सलमान कहता है कि सेवा का कोई धर्म नहीं होता। कोई रूप नहीं होता। बस कुछ होता है तो सिर्फ सेवा का जज्बा और इंसानियत। सलमान की उम्र अभी महज 25 साल है पर उनके अंदर समाज सेवा करने का जो जज्बा है, जो भी इसे देखता-सुनता है, उसका कायल हो जाता है।
सलमान ठिठुरती रात में घर से निकलता है और गायों व बछड़ों को ठंड से बचाने के लिए सड़क पर घूमता रहता है। इसके लिए सलमान ने सब्जी मंडी से सौ से ज्यादा बोरे खरीद कर लाए हैं। इन बोरों को उसने सुतली से बांधकर रजाई का रूप दे दिया है।
गली-मोहल्लों और नुक्कड़ों में घूमते हुए जहां भी सलमान को गाय, बैल, बछड़े मिल जाते हैं, वह उनकी पीठ पर बोरेनुमा रजाई को बांध देता हैं। इससे गायों को ठंड नहीं लगती और सलमान को गौ सेवा करने का सुकून मिलता है।
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