जमशेदपुर में भी आबरूरेज़ि को मिली फांसी की सजा

जमशेदपुर में भी आबरूरेज़ि के एक मुल्ज़िम को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। 18 फरवरी 2011 को पहले अपर जिला सेशन जस्टिस की अदालत ने बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी में साढ़े चार साला बच्ची की आबरूरेज़ि के बाद कत्ल करने के मामले में संजय कुमार पासवान उर्फ फरिंगी पासवान को फांसी की सजा सुनाई थी। वैसे, मशरिकी सिंहभूम जिला अदालत से 12 सालों में आबरूरेज़ि और कत्ल के चार मामलों के चार मुलजिमों को फांसी की सजा सुनाई है।

चारों सजाएं पहले अपर जिला सेशन जज की अदालत ने सुनाई थी। फांसी की सजा पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई और सुनवाई के बाद उम्रकैद का हुक्म हुआ। तमाम मामलों के मुल्ज़िम रियासत के मुखतलिफ़ जेलों में बंद हैं।

इन्हें हुई थी फांसी की सजा

1. टेल्को के बिरसानगर में जायदाद के लिए अहले खाना के चार लोगों (नाना,नानी मां और भाई) की कत्ल में आशिक जोड़ी चैताली -रिजवान को फांसी की सजा साल 2006 में सुनाई गई थी।

2. मानगो के शंकोसाई में किरदार पर शक होने पर बीवी, बेटा और बेटी की इजतेमाई कत्ल में वकील माणिक मुखर्जी को फांसी की सजा हुई थी।

3. पोटका के हल्दीपोखर के पास तंत्र तालिम में कामयाबी हासिल के लिए पड़ोस के ढ़ाई साला बच्चों की कुर्बानी देने के मामले में तांत्रिक तारा सरदार को फांसी सुनाई गई थी।