जमाते इस्लामी के अमीर को फांसी देने के बाद बंगलादेश में मुज़ाहरे

ढाका : जमाते इस्लामी के नेता निजामी को ढाका की जेल में मंगलवार और बुधवार की मध्य रात्रि में फांसी दे दी गई थी। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक क्षेत्र पबना में बुधवार सुबह ही कर दी गई थी। जमाते इस्लामी ने अपने नेता की फांसी पर एक दिवसीय देशव्यापी विरोध और हड़ताल की घोषणा की है। यह हड़ताल गुरुवार के दिन आज की जा रही है। आज की हड़ताल से पहले ही बुधवार को ही बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ मुठभेड़ भी हुई।

इस फांसी की प्रतिक्रिया में संभावित प्रदर्शन के संदर्भ में ढाका सरकार ने राजधानी सहित सभी बड़े शहरों में सुरक्षा को अत्यधिक सतर्क कर रखा है। विशेष रूप से राजधानी में हजारों पुलिसकर्मी तैनात हैं और मोबाइल गश्त जारी है।

फांसी के न्यायिक आदेश पर अमल से पहले जमाते इस्लामी के कई नेताओं को भी सुरक्षा नियंत्रण में रखने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था। मतिउर रहमान निजामी के पैतृक क्षेत्र पबना में धार्मिक राजनीतिक पार्टी के कम से कम सोलह प्रमुख कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।

पुलिस के अनुसार पश्चिमोत्तर शहर राजशाही में उग्र प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को रबर की गोलियां चलानी पड़ीं। पुलिस के अनुसार राजशाही में जमाते इस्लामी के करीब पांच सौ कार्यकर्ता भावनात्मक होकर पुलिस पर हमला किया और उन्होंने पथराव भी शुरू कर दिया। गौरतलब है कि पिछले महीने इसी शहर में एक उदार प्रोफेसर को धार्मिक कट्टरपंथियों के एक हमले में हत्या कर दी गई थी।

इसी तरह एक अन्य शहर चटगांव में जमाते इस्लामी के करीब ढाई हजार कार्यकर्ताओं ने इकट्ठा होकर अपने नेता की अनुपस्थिति नमाज़ अदा की और फिर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस प्रदर्शन के दौरान जमाते इस्लामी के कार्यकर्ताओं और प्रधानमंत्री शेख हसीना की राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच प्रतिकूल नारेबाजी के अलावा हाथापाई भी हुई। जहां जहां प्रदर्शन किए गए वहां पर जमाते इस्लामी के कार्यकर्ता शेख हसीना की सरकार के खिलाफ नारेबाजी के अलावा अपने नेता की फांसी को गैर कानूनी और अवैध करार दे रहे थे।

आपको बता दें कि सन 2013 से जमाते इस्लामी के नेताओं को देश की आजादी की लड़ाई में युद्ध के खिलाफवर्जी करने पर फांसी देने का सिलसिला जारी है और इन फांसियों के बाद शुरू होने वाले हिंसक प्रदर्शनों में अब तक पूरे देश में करीब पांच सौ लोग मारे जा चुके हैं । दूसरी ओर बांग्लादेश के धर्मनिरपेक्ष हलकों ने मतीउर रहमान निजामी की फांसी पर प्रसन्नता व्यक्त की है। कई सौ के करीब धर्मनिरपेक्ष लोगों ने ढाका शहर के एक केंद्रीय चौराहे और जेल के पास एकत्र हुए जहां निजामी को फांसी दी गई। उन्होंने निजामी को दी गई फांसी को देश के इतिहास का एक यादगार क्षण करार दिया।