जोधपुर ज़िला व सेशन अदालत की ओर से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद, आसाराम की ओर से जुमेरात के दिन हाईकोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया गया।
उनके वकील जगमाल चौधरी ने कहा कि पीर के दिन जमानत की दरखस्त दी जा सकती है, लेकिन अभी तक आसाराम की ओर से इसे लगाने को लेकर कोई हुक्म नहीं मिला है।
वकील ने कहा कि जब वे कहेंगे तभी हाईकोर्ट में उनकी जमानत अर्जी दाखिल करेंगे। जेल में सहूलियात देने की मांग को लेकर निचली अदालत में जुमेरात से शुरू हुई सुनवाई आज भी जारी रहेगी।
जुमे के दिन इस पर फैसला आ सकता है। इधर, जोधपुर पुलिस टीम की ओर से छिंदवाड़ा गुरुकुल की हॉस्टल वार्डन शिल्पी की तलाश और तेजी से शुरू हो गई।
अलग-अलग टीमों ने अहमदाबाद, दिल्ली और छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम और गुरुकुल में छापे मारे, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली।
नाबालिग से इस्मतरेज़ि के मामले में फंसे आसाराम को जोधपुर जिला व सेशन अदालत ने 15 सितम्बर तक के लिए 14 दिन की अदालती हिरासत में भेजा है।
आसाराम के गंगाजल, बाहर से खाना और निजी बिस्तर इस्तेमाल करने की मांग को लेकर लगाए गए दरखास्त पर अदालत में सुनवाई जारी है।
इसमें आसाराम के वकीन ने बहस के लिए वक्त की मांग की थी, जिसे अदालत ने मंजूरी दे दी। आसाराम के वकील अदालत के सामने जेल मैन्यूवल और कानून के हालात में आसाराम को राहत देने की गुहार करेंगे।
इधर, शिल्पी की तलाश में उसके सभी ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। मामले के बाद से ही शिल्पी अंडरग्राउंड हैं। मुतास्सिरा नाबालिग लड़की को आसाराम तक पहुंचाने में शिल्पी ने अहम किरदार निभाई थी।
वहीं पुलिस को आश्रम के खादिम शिवा से शिल्पी के बारे में इत्तेला मिलने की उम्मीद है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में और सुबूत इकट्ठे करने में शिल्पी मददगार साबित हो सकती है।
ज़राए के मुताबिक पूछताछ के दौरान आसाराम के खास खादिम शिवा ने सीडी का जिक्र किया है और आसाराम व शिल्पी के बीच के रिश्ते के बारे में भी कुछ चौंका देनेवाले खुलासे भी किए हैं।
हालांकि मेडिकल चेकअप के लिए पुलिस की ओर से एमजी अस्पताल में लाए गए शिवा ने आसाराम को बेगुनाह बताया और मीडिया से कहा कि सीडी की कहानी पुलिस की बनाई हुई है और नहीं मालूम कि कौन सी सीडी पुलिस बरामद करना चाहती है।
आशाराम को फंसाया जा रहा है। उसने कहा कि पुलिस सीडी की बात मनवाने के लिए दबाव डाल रही है। उसने कहा कि मुतास्सिरा और शिल्पी को नहीं जानता।
यह भी कहा कि यह पुलिस की तरफ से बनाई गई कहानी है कि उसने शिल्पी के साथ फोन के ज़रिये जुड़कर मुतास्सिरा और उसके घर वालॊं को आसाराम से मिलवाया था।
उसने कहा कि वह सुबूत दे सकता है कि वह वाकिया के दिन शाम 7 बजे आश्रम छोड़ चुका था। पुलिस ज़राए ने शिवा की बातें झूठी बताते हुए कहा कि शिवा ने खुद माना है कि आसाराम ख्वाअतीन से अकेले में मिलते थे।
इधर, आसाराम के एक और नजदीगी खादिम प्रकाश को भी तलाश जारी है, मुतास्सिरा को आसाराम ने जब मणई फार्म हाउस वाकेय् कुटिया के अंदर बुलाया था तो आसाराम के मोबाइल पर आने वाली तमाम फोन कॉल्स प्रकाश ने ही अटेंड किए थे।
———बशुक्रिया: अमर उजाला