जमाल खशोगी की हत्या में शामिल 16 सऊदी नागरिकों को अमेरिका ने लगाया बैन

अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार को बताया कि उसने 16 सऊदी नागरिकों का अमेरिका में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि उनका हाथ कथित तौर पर पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में था। यह घोषणा विदेश सचिव माइक पॉम्पियो ने की।

पॉम्पियो का बयान ऐसे समय पर आया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कांग्रेस से काफी अधिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल अक्तूबर में इस्तांबुल में स्थित सऊदी दूतावास में खशोगी की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से सऊदी का राजघराना मानवाधिकार उल्लंघन के दायरे में आ गया था।

विदेश विभाग ने अपने बयान में उन व्यक्तियों के नाम बताए हैं जिन्हें प्रतिबंधित किया गया है और कहा कि उन्हें विदेश विभाग, विदेशी संचालन और संबंधित कार्यक्रम विनियोग अधिनियम 2019 की धारा 7031 (सी) के तहत नामित किया गया है।

इस धारा के अंतर्गत उन लोगों को अमेरिका में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती जिनके बारे में विदेश विभाग के पास विश्वसनीय जानकारी हो कि विदेशी सरकार के वह अधिकारी भ्रष्टाचार या मानवाधिकार उल्लंघन में संलिप्त हैं। इस तरह के व्यक्तियों और उनके परिवार को अमेरिका में प्रवेश के अयोग्य माना जाता है।

कानून के अतंर्गत विदेश विभाग को सार्वजनिक तौर पर या निजी तौर पर इस तरह के अधिकारियों और उनके तत्कालीन परिवार के सदस्यों को नामित करना पड़ता है। इससे पहले विदेश विभाग ने लगभग दो दर्जन सऊदी अधिकारियों का वीजा रद्द कर दिया था और 17 अन्य लोगों की संपत्ति को जब्त कर लिया था।

सऊदी शासन के घोर आलोचक खशोगी को 2 अक्तूबर को इस्तांबुल में मौजूद सऊदी दूतावास में रियाद के 15 एजेंटों की टीम ने मारकर उनके शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिया था। उनका शव कभी बरामद नहीं हुआ। सऊदी ने पहले इस हत्या को खारिज किया। इसके बाद कहा कि इस ऑपरेशन को ऐसे एजेंट्स ने अंजाम दिया जो नियंत्रण से बाहर थे।

कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सऊदी के जिस दल ने खशोगी की हत्या की थी, उसे अमेरिका में प्रशिक्षण दिया गया था। वाशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट में मौत से जुड़े और भी कई तथ्यों की जानकारी दी गई थी। खशोगी वाशिंगटन पोस्ट के लिए लेख लिखा करते थे।