जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या और यमन ज़ंग को लेकर ट्रम्प की मुश्किलें बढ़ी, सऊदी अरब की राहे अब आसान नहीं!

अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सऊदी अरब के संबंध में दोहरा झटका दिया है। इनमें से एक मामला जहां यमन में जारी युद्ध से जुड़ा है, वहीं दूसरा इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी से संबंधित है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीनेट ने यमन में रियाद के युद्ध को अमेरिकी सेना का समर्थन खत्म करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, इसके अलावा एक अन्य प्रस्ताव में जमाल खशोगी की हत्या के लिए सऊदी के वली अहद को जिम्मेदार ठहराया है।

ये प्रस्ताव सांकेतिक भले ही हैं लेकिन ट्रंप के लिए चेतावनी भी हैं, जो यमन संघर्ष पर विवाद बढ़ने और खशोगी की हत्या के बावजूद सऊदी के शासन को लगातार समर्थन देते दिख रहे हैं।

यमन युद्ध संबंधी प्रस्ताव के समर्थन में 49 डेमोक्रेट सदस्यों, सात रिपब्लिकन सदस्यों ने मतदान किया जबकि 3 रिपब्लिकन सदस्य मतदान में शामिल नहीं हुए। इसके बाद सीनेट ने ध्वनि मत से खशोगी की हत्या की निंदा की और इसके लिए वली अहद मोहम्मद बिन सलमान को जिम्मेदार ठहराया।

सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने कहा, ‘हम हमारे सैन्य शासन को सऊदी अरब के निरंकुश, हत्यारे शासन द्वारा नियंत्रित नहीं करने देंगे।’ आपको बता दें कि यमन में जारी युद्ध में हजारों आम नागरिक मारे गए हैं जिनमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं।

वहीं, पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में शक की सूई सऊदी अरब की सत्ता में शीर्ष पर बैठे कुछ लोगों की तरफ घूम रही है। इस मामले में सऊदी अरब के वली अहद या प्रिंस क्राउन का नाम बार-बार आ रहा है।