हैदराबाद 24 मई: चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्र शेखर राव ने रियासत तेलंगाना में जमीनात से मुताल्लिक़ पाए जानेवाले तनाज़आत की यकसूई करने और जमीनात के रिकार्डज़ को बेहतर-ओ-सही बनाने की तमाम ज़िला कलेक्टरों को सख़्त हिदायात दी हैं और कहा कि पट्टा पर दी गई जमीनात बड़ी हद तक क़बज़ा हो चुकी हैं। लिहाज़ा उन जमीनात को असल हक़दार जमीनात( एसाइन्ड लैंड पट्टादार) के हवाले करने या हुकूमत इन जमीनात को वापिस लेने के इक़दामात किए जाने चाहीए।
डॉ मरी चन्ना रेड्डी इंस्टीटियूट बराए फ़रोग़ इन्सानी वसाइल में कलेक्टरों के साथ मुनाक़िदा मीटिंग से ख़िताब करते हुए चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्र शेखर राव ने कहा कि रियासत तेलंगाना में आज भी जमीनात की ख़रीद-ओ-फ़रोख़त सादा-काग़ज़ पर ही की जा रही हैं इसतरह की मुआमलतें शायद रक़ूमात की कमी या मालूमात ना रहने की वजह से हो रही होंगी लेकिन जब यही जमीनात (यानी सादा-काग़ज़ पर ख़रीद-ओ-फ़रोख़त करदा) जब 20 ता 30 साल बाद रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए लाई जा रही हैं तो उन लोगें को काफ़ी मुश्किलात-ओ-मसाइल से दो-चार होना पड़ रहा है।
लिहाज़ा इन हालात की बहरसूरत यकसूई करना ज़रूरी है। चीफ़ मिनिस्टर ने 2 जून ता 10 जून सादा बीअनामा पर ख़रीद-ओ-फ़रोख़त की गईं तमाम जमीनात का रजिस्ट्रेशन करने की ज़रूरी हिदायात दि और कहा कि 2 जून 2014 तक महिदें पर ख़रीद-ओ-फ़रोख़त की गईं जमीनात (जो कि पाँच एकड़ से कम हूँ) को मुफ़्त रजिस्ट्रेशन कर के रिकार्डज़ में नाम की तबदीली भी अमल में लाई जानी चाहीए और उन 8 दिन के दौरान रजिस्ट्रेशन की गईं जमीनात की मुकम्मिल तफ़सीलात कंप्यूटराईज़ड कर के अपडेट करने की चीफ़ मिनिस्टर ने ओहदेदारान मुताल्लिक़ा को हिदायात दी।
चीफ़ मिनिस्टर ने इस मौके पर कहा कि बाज़ ओहदेदारों पर इल्ज़ाम आइद किया कि ख़ानदानी सिलसिले से आने वाली जमीनात से मुताल्लिक़ म्युटेशन ( नाम की तबदीली अमल में लाने) करने के लिए भारी रक़ूमात हासिल कर रहे हैं और रक़ूमात के बग़ैर काम अंजाम नहीं दिया जा रहा है।
ख़ानदानी सिलसिले से मुताल्लिक़ हुक़ूक़ के मुताबिक़ नाम की तबदीली करने के सिलसिले में भी वक़्त का ताय्युन किया जाना चाहीए। उन्होंने कहा कि दरख़ास्त वसूल होने के दस दिन में नाम की तबदीली अमल में लाकर ग्यारहवीं दिन मुकम्मिल तफ़सीलात ज़िला कलेक्टर रवाना करना और दरख़ास्त दाख़िल कर के वक़्त पर ही दरख़ास्त की जांच कर के कोई एतराज़ात या ख़ामियाँ हूँ तो उसी वक़्त दरख़ास्त गुज़ार को तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवा दिया जाना चाहीए।
जिन लोगें को मालूमात नहीं उन्हें मालूमात फ़राहम कर के किसी किस्म की रक़म लिए बग़ैर नाम की तबदीली कर देने की सख़्त हिदायात दी गई।