सरकारी जमीन खरीद-फरोख्त दोनों गैर कानूनी है, लेकिन जिला इंतेजामिया की कार्रवाई से सरकारी जमीन फरोख्त करनेवाले तो मुतासीर हो रहे हैं, लेकिन सरकारी जमीन बेचने वाले जमीन माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इंतेजामिया कार्रवाई तब करता है जब लाखों रुपये देकर लोग सरकारी जमीन खरीद चुके होते हैं।
मानगो, बिरसानगर, गोविंदपुर समेत दीगर इलाकों में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन की फरोख्त की गयी है। इंतेजामिया की तरफ से कब्जा हटाने की कार्रवाई की गयी, लेकिन अब तक किसी भी मामले में भी सरकारी जमीन बेचने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
सरकारी जमीन की बड़े पैमाने पर रजिस्ट्री की जांच चल रही है, लेकिन सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त भी जारी है। एमजीएम थाना इलाक़े के एनएच किनारे डांगा में 15 एकड़ और पोखारी में 20 बीघा जमीन की खरीद-फरोख्त की जा चुकी है। तामीर शुरू होने पर तीन-चार दिनों पहले पुलिस ने रोक लगायी। इधर, कमरूम बस्ती के नीचे पहाड़ की जमीन भी बेची जा रही है।