महज 17 दिन बाद ज़लज़ले और उसका खौफ फिर लौट आया। दोपहर साढ़े बारह बजे ज़मीन कांप गई। लोग बुरी तरह डर गए और घरों से भागे। पर यह घबराहट जानलेवा बन गई। ज़लज़ले से रियासत में 42 लोगों की मौत हुई है। सेहत सेंटर के मुताबिक 16 लोगों का हार्ट फेल हुआ है।
ज़लज़ले से सबसे ज़्यादा चार लोगों की मौत मशरिकी चंपारण में हुई है। हालांकि, बिहार हुकूमत ने 15 लोगों के मरने और 70 लोगों के जख्मी होने की बात कही है। रिक्टर स्केल पर ज़लज़ले की रफ्तार 7.3 थी। सेंटर काठमांडू से 76 किलोमीटर दूर एवरेस्ट के पास कोडारी गांव में था। फिर ज़लज़ले आने की दहशत में लोग रतजगा करते रहे। खुली जगह और पार्कों में जमे लोगों से वजीरे आल नीतीश कुमार ने मुलाकात की। सब्र रखने और अलर्ट रहने की दरख्वास्त किया। वजीरे आला ने कहा-डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां मंसूख कर दी गई हैं। अलर्ट किया गया है। नुकसान की भरपाई होगी। मैयत के अहले खाना को मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है।