जम्मू-ओ-कश्मीर में आबी-ओ-बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा वापस लेने का मुतालिबा

जम्मू प्रोविन्स पिपुल्स फ़ोर्म ने आज रियासत की उम्र अबदुल्लाह हुकूमत को शदीद तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि हुकूमत रियासत में बर्क़ी के सरका की रोक थाम में नाकाम हो गई है। लिहाज़ा पानी और बर्क़ी की शरहों में इज़ाफ़ा किया गया है, उसे फ़ौरी तौर पर वापस लिया जाए।

JPPF सदर पवित्र सिंह ने अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए कहा कि जम्मू-ओ-कश्मीर हुकूमत बर्क़ी और पानी की शरहों में इज़ाफ़ा को फ़ौरी वापस ले। मिस्टर सिंह ने कहा कि हुकूमत ने पानी के मीटर्स नसब किए हैं, लेकिन ये नहीं देखती कि मीटरों में उलट फेर किया जा रहा है और बर्क़ी का सरका ( चोरी) भी आम हो चुका है जिस की वजह से क़ानून का एहतेराम करने वाले शहरीयों का नुक़्सान हो रहा है।

अगर बर्क़ी सरका पर हुकूमत नज़र रखती तो हालिया बर्क़ी इज़ाफ़ा को टाला जा सकता था। ये तो वही बात हुई कि करे कोई और भरे कोई। एक तो रियासत में रोज़ाना 8 से 12 घंटों की बर्क़ी कटौती की जाती है दूसरी तरफ़ पानी की सरबराही भी नाक़िस है, जिससे शहरीयों का जीना दुशवार हो गया है।

हैरतअंगेज़ बात तो ये है कि कई इलाक़ों में आबी सरबराही मुसलसल कई दिनों तक नहीं होती।