जम्मू-ओ-कश्मीर से AFSPA की बर्ख़ास्तगी का सवाल बेहद पेचीदा

नई दिल्ली 02 नवंबर (पी टी आई) बी ऐस एफ़ जिसे जम्मू-ओ-कश्मीर में सीकोरीटी से मरबूत फ़राइज़ तफ़वीज़ किए गए हैं ने आज रियासत से फ़ौज को ख़ुसूसी इख़्तयारात के क़ानून को बर्ख़ास्त करने के मुआमला को इंतिहाई पेचीदा क़रार दिया और कहा कि इस का हल इतना आसान नहीं है जितना कि समझा जा रहा है।

बी ऐस उन के लिए डायरैक्टर के ओहदा का जायज़ा हासिल करने के बाद अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए सफ़ीर ए आई पी ऐस ऑफीसर यू के बंसल ने कहा कि अवाम के वसीअ तर मुफ़ाद में हुकूमत जल्द ही कोई मुनासिब फ़ैसला करेगी।

उन्हों ने एक बार फिर अपनी बात दुहराते हुए कहा कि आर्म्ड फोर्सेस स्पैशल पावर ऐक्ट (AFSPA) को ख़तन करने का सवाल बहुत पेचीदा है।

उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि हुकूमत ने नए फ़ैसले पर तबादला-ए-ख़्याल किया है जिस का इतलाक़ बी ऐस एफ़ ही करेगी। याद रहे कि बी ऐस उन के डायरैक्टर का ओहदा सँभालने से क़बल मिस्टर बंसल वज़ारत उमूर दाख़िला में सेक्रेटरी (दाख़िली सीकोरीटी) की हैसीयत से अपने फ़राइज़ अंजाम दे रहे थॆ।

जब उन से ये पूछा गया कि क्या फ़ौज बगै़र AFSPA के भी अपने फ़राइज़ अंजाम दे सकती है तो उन्हों ने जवाब दिया कि कुछ ख़ुसूसी हालात के पेशे नज़र फ़ौज को AFSPA का कोर दिया गया है।

चूँकि बी ऐस एफ़ ख़ुद भी एक मुसल्लह फ़ौज है लहादा AFSPA के तहत उसे भी कवर दिया गया ही। उन्हों ने कहा कि बी ऐस एफ़ हालाँकि पालिसीयां नहीं बनाती लेकिन उन के इतलाक़ में वो अहम रोल अदा करती ही। जम्मू-ओ-कश्मीर में दरअंदाज़ी के वाक़ियात के बारे में पूछे जाने पर उन्हों ने कहा कि हमारे आदाद-ओ-शुमार के मताक़ जारीया साल में दरअंदाज़ी की कोशिशें गुज़शता साल के मुक़ाबले में कम थीं लेकिन जहां तक कामयाब दरअंदाज़ी का सवाल है तो इस का तनासुब गुज़शता साल के मम्मालस है।

मिस्टर बंसल ने बी ऐस एफ़ डायरैक्टर के ओहदा का जायज़ा अपने पेशरू रोमन सरयू अस्तिव से हासिल किया लेकिन बंसल इस ओहदा पर सिर्फ एक साल तक ही अपनी ख़िदमात अंजाम दे सकेंगी।