दुनियां का कोई दाना इंसान कश्मीर मसले को हल किए बिना दक्षिण एशिया में स्थायी शांति का कलपना नहीं कर सकता: यासीन मलिक

श्रीनगर: लिबरेशन फ्रंट ने कहा है कि कश्मीर एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है और इस के निवासी अपने अधिकार स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिए संघर्ष कर रहे हैं. फ्रन्ट अध्यक्ष व अलगाववादी नेता मोहम्मद यासीन मलिक ने कहा कि कश्मीर और कश्मीरियों के इतिहास इस बात की गवाह है कि यह धरती और इसके लोग हमेशा शांति, मानवता और मानवीय मूल्यों के दाई रहे हैं।

बतौर एक कौम व मिल्लत हम शांति, निर्माण, प्यार, भाईचारे और धार्मिक सद्भाव के समर्थक रहे हैं, और उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ हस्तयों और अवैध शासन ने धरती के स्वर्ग को नरक बना रखा है। उन्होंने यहीं बस नहीं किया उन्होंने ने कहा कि कश्मीरी मानवता में विश्वास करते हैं, अत्याचारियों ने इस धरती पर सैन्य कब्जा जमाकर और यहां लाखों इंसानों का लहू बहा कर, यहां के हजारों मनुष्यों को आहत कर और यहां के सैकड़ों बच्चों की दृष्टि छीन कर मानवता को शर्मसार कर रखा है। उन्होंने भारत के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी नेता एक जुबां होकर कह रहे हैं कि वह उड़ी में जान गंवाने वाले 18 सैनिकों को भूला नहीं सकते।
मानव जान चाहे वह किसी सैनिक की हो या किसी आम नागरिक, की पवित्र होता है और मानव जीवन की रक्षा ही हम सभी का पहला स्टैंड होना चाहिए लेकिन ऐसा कहने वाले नेता कैसे और क्यों कश्मीरियों को अपने उन लाखों अज़ीज़ों को भूल जाने के लिए कह सकते हैं जिनकी जानें भारतीय दमन व अवैध वर्चस्व की वजह से ली जा चुकी हैं। उन्होंने 70 साल के शासन को अवैध बताते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में लाखों इंसानों की जानें ली हैं।
लाखों लोगों को घायल कर दिया और लाखों को बेघर कर दिया है और अपनों के मारे जाने और बिछड़ जाने का गम कश्मीरियों से ज्यादा कौन महसूस कर सकता है, जिनके 100 से ज़्यादा मासूम महज तीन महीनों के अन्दर मौत की नींद सो गए, जिनके सैकड़ों अज़ीज़ों की दृष्टि पैलेट ने छिन ली है और जिनके बीसियों हजार लोग घायल होकर अस्पतालों की शोभा बन चुके हैं। मलिक ने कहा कि सभी कहते हैं कि मानव रक्त एक रंग का होता है और मानव जीवन की पवित्रता एक् समान है। अगर यह सच है तो भारत के नेता और विश्व समुदाय कैसे और क्यों कश्मीरी जानों के पहलू से एसा व्यवहार रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर जम्मू कश्मीर के लोगों का है और दुनिया का कोई दाना इंसान इस चिर विवादित क्षेत्र और मानव मसले को हल किए बिना दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता का सपना भी नहीं देख सकता।-