जम्मू-कश्मीर के महिकमा जंगलात में मैट्रिक पास ऑफीसर के ओहदे पर

श्रीनगर,०६ जनवरी: (पी टी आई) जम्मू-ओ-कश्मीर के महिकमा जंगलात में पाई जाने वाली बे क़ाईदगियों का मुआमला उस वक़्त सामने आया जब एक चौकीदार को पाँच साल के दौरान तीन मर्तबा तरक़्क़ी दी गई और अब वो एक ऑफीसर है।

इस तरह के वाक़ियात से रास्त तौर पर मुलाज़मत हासिल करने वाले आला तालीम-ए-याफ़ता अफ़राद की तरक़्क़ी की राहें मस्दूद की जा रही हैं। महिकमा की दसतयावीज़ात का मुशाहिदा करने के बाद ये बात सामने आई।

सैयद तारिक़ अहमद मसावदी नाम का एक शख़्स जो सिर्फ मैट्रिक तक तालीम-ए-याफ़ता है को 1977-ए-में महिकमा ने बतौर चौकीदार मुलाज़मत दी थी जबकि गुज़शता पाँच सालों के दौरान उसे तीन बार तरक़्क़ी दी गई है और इस तरह 1982-ए-में वो एक फॉरेस्टर बन चुका है।

इसी तरह की दीगर बे क़ाईदगियों के इन्किशाफ़ और इस के अज़ाला केलिए हुकूमत ने बाअज़ सीनीयर मुलाज़मीन की फ़हरिस्त जारी की है जो 2010-ए-तक का अहाता करती है। इस के ज़रीया उन लोगों से एतराज़ात तलब किए गए हैं जो इस बेक़ाइदगी का शिकार होकर तरक़्क़ी से महरूम रही।