जम्मू-कश्मीर के लोगों को परेशान करने के लिए 35A का मुद्दा उठाया जा रहा है- फारुख अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 35 (A) में बदलाव की खबर एक बार फिर सुर्खियों में है। शनिवार को जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारुक अब्दुल्ला ने कहा है कि अनुच्छेद 35 (ए) में कोई भी बदलाव उन्हें मंजूर नहीं है।

अब्दुल्ला ने कहा कि आर्टिकल 35 (ए) में बदलाव के वो सख्त खिलाफ हैं और इसके लिए आखिरी दम तक संघर्ष करेंगे। फारूक अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ भी यह कह चुकी है कि केंद्र सरकार 35-(ए) में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकती है। इसके बावजूद सरकार इसको लेकर जिस तरह का रुख दिखा रही है वो सिर्फ जम्मू कश्मीर के लोगों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कश्मीर अनुच्छेद 35 (ए) के मुद्दे को लेकर कई जगह प्रदर्शन हुए। कश्मीर केंद्रित राजनीतिक, सामाजिक, अलगाववादी और व्यापार समूहों ने एक स्वर में केंद्र सरकार को गंभीर परिणाम की धमकी देते हुए 35 (ए) के साथ छेड़छाड़ न करने की चेतावनी दी है।

आर्टिकल 35 ए में जम्मू कश्मीर के बाशिंदों को कुछ विशेष अधिकार देता है। साथ ही यह अनुच्छेद राज्य के नीति निर्माताओं को राज्य के लिए कानून बनाने की पूरी आजादी देता है, जिसे कानूनी तौर पर चुनौती भी नहीं दी जा सकती।

यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को जम्मू एवं कश्मीर में स्थाई निवास सहित अन्य विशिष्ट फैसलों का अधिकार देता है। अनुच्छेद 35 ए धारा 370 का हिस्सा है। 35 ए 14 मई 1954 में लागू हुआ। तब राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। उनके ही आदेश पर ही यह अनुच्छेद पारित हुआ था।