दुनिया भर में इस धीमे ज़हर से हर साल करोड़ों लोगों की जान चली जाती है लेकिन इस ज़हर की लत ऐसी है की इसे इस्तेमाल करने वाले लोग बहुत मुश्किल से ही इसे छोड़ पाते हैं। गली मोहल्ले और नुक्कड़ पर आसानी से मिलने वाला यह नशा फेफड़ों के कैंसर की एक बड़ी वजह मान जाता है।
आपका अंदाजा बिलकुल सही है, हम बात कर रहे हैं तम्बाकू और तम्बाकू से बनने वाले उत्पाद जैसे बीड़ी, सिगरेट, खैनी वगैरह की। देश में मुँह और फेफड़ों में होने वाले कैंसर के 90% मामलों में इसकी वजह तम्बाकू सामने आई है। हाल ही में एक सर्वे से इस बात का पता चला है ही देश में जिस राज्य में तम्बाकू का इस्तेमाल सबसे ज़्यादा होता है वो राज्य जम्मू-कश्मीर है। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर के ७०% व्यस्क लोग किसी न किसी रूप में तम्बाकू पीने की आदत से ग्रस्त हैं।
एक अनुमान के हिसाब से जम्मू-कश्मीर में १५ साल या इससे ऊपर की उम्र के सिगरेट-बीड़ी पीने वाले लोग महीने में करीब 515 रूपये सिगरेट के लिए और 135 रूपये बीड़ी खरीदने के लिए खर्च करते हैं। जबकि इसी रिपोर्ट से इस बात का भी खुलासा हुआ है की घाटी में लोगों की तंबाकूनोशी शुरू करने की औसत उम्र 17 साल है।
सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के आने के बाद से घाटी के सेहत विभाग अधिकारियों के कान खड़े हो गये हैं और तंबाकूनोशी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए सभी जिलों में मीटिंगें बुलाई जा रही हैं।