जम्मू-कश्मीर: पहली बार किसी पुलिसकर्मी के जनाजे में शामिल हुए चार हजार लोग

श्रीनगर। जम्‍मू कश्‍मीर में सीमा पार से जारी फायरिंग के अलावा आतंकवादियों की घुसपैठ भी लगातार जारी है। पिछले दिनों इन्‍हीं आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के 37 वर्षीय पुलिसकर्मी अब्‍दुल करीम की मौत हो गई। करीम का जब अंतिम संस्‍कार किया गया तो उन्‍हें श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा।

करीब उत्‍तर कश्‍मीर के हंदवा‍ड़ा के लांगेट के रहने वाले थे और शनिवार को मुठभेड़ में उनकी मौत हो गई है। उनके घर में उनकी पत्‍नी और मां के अलावा दो बेटियां और एक बेटा है। जल्‍द ही उनकी पत्‍नी एक और बच्‍चे को जन्‍म देने वाली है। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने हंदवाड़ा में हुए आतंकी हमले की जिम्‍मेदारी नहीं ली है।

करीम हंदवाड़ा के बाहरी इलाके में स्थित पुलिस चौकी चौगुल में गश्‍त के लिए मौजूद थे। करीब हंदवाड़ा के लांगेट के तहत आने वाले गांव लाछ के रहने वाले थे। स्‍थानीय लोगों की मानें तो उनके अंतिम संस्‍कार में जो भीड़ आई वह उन्‍होंने इस इलाके में पहली बार देखी थी। पांच माह तक चली अशांति और बवाल के बाद घाटी में इस तरह का माहौल बनना काफी अहम है।

अब्‍दुल करीम का अंतिम संस्‍कार ईदगाह में किया गया था और स्‍थानीय लोगों की मानें तो करीब चार हजार लोगों ने इसमें हिस्‍सा लिया था। गांव के रहने वाले एक व्‍यक्ति ने बताया, ‘वह काफी अच्‍छे इंसान थे और उन्‍होंने कभी किसी को परेशान नहीं किया। हमेशा पड़ोसियों की मदद की और गांव का हर व्‍यक्ति उन्‍हें हमेशा याद करेगा। ‘ उनके पड़ोसी गुलाम कादिर के मुताबिक इस इलाके में यह अब तक का सबसे बड़ा अंतिम संस्‍कार था।