जम्मू-कश्मीर: महबूबा मुफ्ती से नाराज़ चार विधायकों को लेकर घमासान, बीजेपी के साथ जाने की उम्मीद!

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी का गठंबधन टूटने के बाद राज्यपाल शासन लागू है, लेकिन एक बार फिर से राज्य में सियासी उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं। दरअसल, कई दिनों से मीडिया में ये खबरें आ रही हैं कि बीजेपी सरकार बनाने की जुगत में लगी हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जोड़-तोड़ की राजनीति की वजह से बीजेपी फिर से राज्य में सरकार बनाने की उम्मीदें तलाश रही है। इन अटकलों को जोर तब और मिल गया, जब पीडीपी के कुछ विधायक लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजियां कर रहे हैं।

खबर है कि पीडीपी के चार विधायक पार्टी से नाराज चल रहे हैं। इन चारों विधायकों ने हाल ही में पार्टी के खिलाफ बयान दिए हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में फिर से बड़े सियासी उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं। एक बार फिर से नई जोड़-तोड़ की सरकार बनाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है।

पीडीपी के चार विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बयान दिया है। पार्टी के खिलाफ बयान देने वालों में PDP विधायक अब्दुल मजीद पड्डार हैं, जिन्होंने कहा है कि वह पार्टी से खुश नहीं हैं और अन्य विधायकों से भी यही कहना चाहेंगे कि वो राज्य में सरकार बनाने की कोशिशों में हिस्सा लें। अब्दुल माजीद से पहले इमरान अंसार, आबिद अंसारी, अब्बास अहमद भी पार्टी के खिलाफ बयान दे चुके हैं।

पीडीपी के चार विधायकों के अलावा खबर ये भी आई थी कि पार्टी के 15 और विधायक महबूबा मुफ्ती से दूरी बना रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में पिछले 2 हफ्ते से सियासी घमासान जारी है।

इमरान अंसार, आबिद अंसारी और अब्बास अहमद के बागी होने के बाद ये कहा गया कि पार्टी के 15 विधायक और पीडीपी से असंतुष्ट हैं। ऐसे में इन 15 और 4 मौजूदा समय में नाराज विधायकों को मिलाकर हो जाते हैं 19 विधायक, अगर ये विधायक पीडीपी का साथ छोड़ बीजेपी के साथ आ जाते हैं तो बीजेपी के साथ बहुमत का आंकड़ा होगा।

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी सरकार बना सकती है, इन अटकलों को तब और जोर मिल रहा है जब बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जल्दी-जल्दी में जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है। इसके अलावा हाल ही में जम्मू-कश्मीर में पार्टी प्रभारी राम माधव ने एक ट्वीट किया था, जिसमें वो महबूबा मुफ्ती की सरकार में सज्जाद लोन के साथ राज्य के रोडमैप पर चर्चा करते दिख रहे थे। ये सभी वो घटनाएं हैं, जिनसे ये कयास तेज हो गए हैं कि राज्य में बीजेपी जल्द ही सरकार बना सकती है।

आपको बता दें कि बीते 19 जून को जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन खत्म हो गया था। बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद राज्य में महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई थी और तब से ही कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू है। जम्मू-कश्मीर में अभी भी विधानसभा का ढाई साल का कार्यकाल बाकी है। ऐसे में आने वाले समय में राज्य के अंदर बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल सकता है।

रियासत में सत्ता का मौजूदा सियासी गणित कुछ ऐसा है कि कोई भी दल बिना किसी सहयोग के सरकार नहीं बना सकता। राज्य में 28 विधायकों के साथ पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं बीजेपी 25 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर है।

राज्य में सरकार बनाने के लिए 44 सीटों का आंकड़ा चाहिए। यानि अगर बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश करती है तो उसे 19 विधायकों की जरूरत होगी, जो मौजूदा समय में पूरी होती दिख रही है, क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 विधायक तो हैं, लेकिन उमर अब्दुल्ला सरकार गिरने वाले दिन ही साफ कर चुके हैं कि वो राज्य में जोड़-तोड़ की सरकार बनाने की बजाए फिर नए सिरे से चुनाव चाहते हैं।