श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के चीफ मिनिस्टर उमर अब्दुल्लाह और उनकी काबीना के 3 रफीक की क़िस्मत का फैसला रियासत में होने वाले तीसरे मरहले की राय दही में होजाएगा। इन हलक़ों में गुज़िश्ता मर्तबा 16 हलक़ों के मिनजुमला 9 नशिस्तों पर पी डी पी ने कामयाबी हासिल की थी।
इन इंतेख़ाबात में पी डी पी बहैसियत अपोज़िशन पार्टी राय दहनदों से रुजू होकर वोट मांग रही है। उसको उमीद है कि वो दुबारा इक़्तेदार हासिल करेगी। मंगल को होने वाली राय दही में 3 अज़ला बडगाम, पुलवामा और बारहमुल्ला में फैले हुए 16 असेम्बली हलक़ों के लिए वोट डाले जाएंगे जिस में 6.51 लाख ख़वातीन के बिशमोल 13.69 लाख राय दहनदे वोट डालेंगे।
ये राय दहनदे 144 उम्मीदवारों की क़िस्मत का फैसला करेंगे। इन में चीफ मिनिस्टर और उनके 3 काबीनी रफीक और दीगर 10 मौजूदा अरकाने असेम्बली में शामिल हैं। उमर अब्दुल्लाह इस मर्तबा अपने ख़ानदानी गढ़ समझे जाने वाले हलक़ा कुंदुर बिल की बजाय बडगाम में बेरवाह से मुक़ाबला कररहे हैं।
उन्हें तवक़्क़ो है कि इस इलाक़े में उन की हुकूमत की जानिब से किए गए हालिया इक़दामात के बाइस वोट हासिल होंगे। यहां पर गुज़िश्ता दो इंतेख़ाबात में पी डी पी के उम्मीदवारों को ही कामयाबी मिलते आरही थी। उमर अब्दुल्लाह हुकूमत ने इस इलाक़े में दीगर कई फैसले करने के अलावा फ़ौज के लिए लीज़ की मोहलत में तौसीअ नहीं दी थी।
फ़ौज को इस इलाक़े में फायरिंग की मश्क़ करने की इजाज़त देने की मुक़ामी अवाम ने शदीद मुख़ालिफ़त की थी जिस के बाद उमर अब्दुल्लाह हुकूमत ने ये लीज़ ख़त्म करदी। अवाम को उमर अब्दुल्लाह हुकूमत के इस फैसले से राहत मिली है। उन्होंने मुक़ामी अवाम को ये भी तैक़ून दिया था कि इस इलाक़े से फ़ौज के असर को बर्ख़ास्त करदिया जाएगा।
यहां पर माज़ी में फायरिंग की ज़द में आकर दो दहों के दौरान 60 से ज़ाइद जानें ज़ाए हुई थीं। उमर अब्दुल्लाह इस इलाक़े में तेज़ी से मुहिम चला रहे हैं। उनकी नेशनल कान्फ़्रेंस पार्टी के से नर क़ाइदीन और शीआ तबक़ा के मक़बूल क़ाइदीन आग़ा रूहुल्लाह और आग़ा सय्यद महमूद उनकी हिमायत में मुहिम चला रहे हैं।
इन क़ाइदीन का उन नशिस्तों पर ग़ैरमामूली असर देखा गया है। उमर को अपनी हरीफ़ पार्टी पी डी पी के रुकन असेम्बली मुहम्मद शफ़ी वाणी से सख़्त मुक़ाबले का सामना है। उमर से ज़्यादा तीसरे मरहले की पोलिंग अपोज़िशन पार्टी पी डी पी के लिए सब से ज़्यादा अहम है, क्योंकि इस ने इस इलाक़े की 16 के मिनजुमला 9 हलक़ों पर कामयाबी हासिल की थी, अब रियासत में दुबारा इक़्तेदार हासिल करने के लिए वो एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रही है।